दुर्घटना की आशंका के बाद भी दीवार के पास बच्चों को परीक्षा के लिए बैठाया
केएम पब्लिक स्कूल में हुए हादसे में प्रधानाचार्य की गंभीर लापरवाही सामने आई है। प्रधानाचार्य ने सुबह जेसीबी चालक को काम करने से रोका था, लेकिन उसने काम बंद करने से मना कर दिया था।
नोएडा, सुरेंद्र राम। सलारपुर स्थित केएम पब्लिक स्कूल में सोमवार सुबह हुए हादसे में प्रधानाचार्य की गंभीर लापरवाही सामने आई है। प्रधानाचार्य ने सुबह जेसीबी चलते हुए देखी थी। उन्होंने दीवार तक खुदाई भी देखी थी। साथ ही दीवार कमजोर होने का भी शक था। इसी कारण उन्होंने जेसीबी चालक को काम बंद करने को कहा था। चालक के इन्कार के बाद भी प्रधानाचार्य ने कक्षा एक और दो के करीब 20 विद्यार्थियों को गारे से बनी जर्जर दीवार के पास परीक्षा देने के लिए बैठा दिया था।
चल रहा मिट्टी भराई का काम
विद्यार्थियों ने हाथ में प्रश्न पत्र लेकर पढ़ना ही शुरू किया था, तभी जेसीबी की टक्कर से दीवार भरभरा कर गिर पड़ी। सेक्टर 47 चौकी प्रभारी का कहना है कि बगल के प्लाट में मिट्टी भराई का काम एक सप्ताह से चल रहा था। इसकी प्रधानाचार्य को जानकारी थी। मृतक छात्र विवेक की बहन और चश्मदीद छात्रा गुड्डी ने भी यह दावा किया है कि प्रधानाचार्य ने सुबह 11 बजे तक (परीक्षा समाप्ति तक) जेसीबी चालक को काम करने से मना किया था। वहीं चालक के मना करने के बाद भी दीवार के पास बच्चों को बैठा दिया। गुड्डी ने बताया कि सुबह ठंड अधिक लग रही थी। प्रार्थना सभा के बाद सभी छात्र कमरे में चले गए। छात्रों ने प्रधानाचार्य से धूप में बैठ कर परीक्षा देने की मांग की थी। इसके बाद कक्षा एक और दो के विद्यार्थियों को दीवार के पास बैठा दिया गया। उस दौरान वह भी परिसर में मौजूद थी। सभी को प्रश्न पत्र दिया गया और तभी दीवार गिर पड़ी। स्कूल में मौजूद सभी विद्यार्थी दीवार गिरते ही चीखने चिल्लाने लगे और अपने भाई-बहनों को तलाशने लगे। वह भी अपने भाई की तलाश करने लगी, लेकिन वह मलबे के अंदर दब गया था।
पड़ोसी ने मलबे से निकाला था विवेक को
मलबे में दबे छात्रों की जानकारी लोग उनके परिजन तक पहुंचाने लगे। मृतक छात्र विवेक के पड़ोस में रहने वाली संगीता ने बताया कि उनके भी तीन बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते हैं। एक बच्चे ने आकर दीवार गिरने की जानकारी दी। इसके बाद उनके पति ओम प्रकाश राय मौके पर पहुंचे। उनका बेटा आशीष घायल हालत में बाहर मिला, जबकि विवेक मलबे में दबा हुआ था। उन्होंने मलबा हटा कर उसे बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। 15 मिनट तक घायल छात्र को ऑफिस में रखाप्रधानाचार्य के कार्यालय में छात्रा गुड्डी ने बताया कि सबसे पहले छात्र भूपेंद्र को बाहर निकाला गया था। उसे प्रधानाचार्य ने अपने कार्यालय में घायल हालत में रख दिया। 15 से 20 मिनट बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया। जब उसे मलबे से बाहर निकाला गया तो उसकी सांसें चल रही थीं। यदि उसी समय उसे अस्पताल पहुंचाया जाता, तो उसकी जान बच सकती थी।
गारे से बनी दीवार की हालत है बेहद जर्जर
जिस बिल्डिंग में केएम पब्लिक स्कूल संचालित हो रहा है, वह बिल्डिंग काफी पुरानी लग रही है। बिल्डिंग की दीवारों की चिनाई गारे से की गई है। स्कूल में उपलब्ध 6 कमरों की छत गाटर व पटिया से बनाई गई है। इस दीवार की हालत सबसे खराब थी और शिक्षकों को उसके गिरने की आशंका थी, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतना बड़ा हादसा हो जाएगा। वहीं, स्कूल में परिसर में बने शौचालय काफी गंदे मिले। एक बाथरूम में काफी संख्या में गुटखा और भांग के रैपर पाए गए।