किसानों के धरने को बनाए रखने के लिए अपनाए जा रहे हर हथकंडे, बैसाखी पर दिखाया गया गतके का जौहर
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर चल रहा धरना जारी है। किसान नेता धरना स्थल पर लोगों को बनाए रखने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं। किसानों को धरना स्थल पर आकर आंदोलन को मजबूती देने की मांग की जा रही है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर से यूपी गेट पर चल रहा धरना जारी है। किसान नेता धरना स्थल पर लोगों को बनाए रखने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं। यहां किसान बाहुल्य इलाकों से किसानों को धरना स्थल पर आकर आंदोलन को मजबूती देने की मांग की जा रही है।
26 जनवरी के उपद्रव और अब कोरोना के प्रसार होने के बाद धरना स्थल से किसान कम होते जा रहे हैं। यहां सैकड़ों की संख्या में टेंट तो लगे हैं मगर वहां किसान नहीं है। भयंकर ठंड के मौसम में तो किसान यहां बैठे दिख जाते थे मगर अब गर्मी के दिनों में उनकी संख्या एकदम से कम हो गई है। उस पर कोरोना के बढ़ते मरीजों ने किसानों को भी चिंतित कर दिया है। किसान भी यहां से अपने घर परिवार को लौट गए हैं।
उधर धरना स्थल पर मंगलवार को बैसाखी पर्व व खालसा साजना दिवस मनाया गया। जलियांवाला बाग के शहीदों को याद किया गया। धार्मिक जत्थों ने कथा कीर्तन कर इतिहास पर प्रकाश डाला। गतका टीम ने भी जौहर दिखाए। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जत्थों को किसानी सरोपा देकर सम्मानित किया।
मंच पर बाबा मोहन सिंह, बाबा प्रताप सिंह, बाबा जग्गा सिंह, बाबा गोरखा और कार सेवा दिल्ली आदि मौजूद रहे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शमशेर राणा ने बताया कि राजनेता यादव, देवेंद्र यादव, प्रकाश, धनंजय सिंह, अजय, रामपाल, ज्ञान सिंह, किसान, आशुतोष, निमाई, चरण साहू, तेजवीर सिंह 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
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