Delhi Water Crisis: जल बोर्ड पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, हरियाणा ने कहा- नाकामी छिपाने के लिए आप नेता लगा रहे आरोप
Delhi Water Crisis जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्डा ने रविवार को दोबारा हरियाणा पर यमुना से दिल्ली के हिस्से का पानी रोकने का आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली के हिस्से का पानी रोके जाने से वजीराबाद में यमुना का जल स्तर साढ़े सात फीट कम हो गया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पानी छोड़े जाने की मांग की है। जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्डा ने रविवार को दोबारा हरियाणा पर यमुना से दिल्ली के हिस्से का पानी रोकने का आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली के हिस्से का पानी रोके जाने से वजीराबाद में यमुना का जल स्तर साढ़े सात फीट कम हो गया है। इस वजह से नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमएसी), मध्य, पश्चिमी व दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित है। लिहाजा जल बोर्ड हरियाणा सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।
वहीं हरियाणा ने कहा है कि, सुर्खियों में रहने और अपनी नाकामी छिपाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता इस तरह के आरोप लगाते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रमुख मीडिया सलाहकार विनोद मेहता ने राघव चड्ढा के आरोपों पर एक बार फिर उनकी घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि पानी की कमी को आधार बनाते हुए दिल्ली पहले भी कई बार सुप्रीम कोर्ट में गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा यह पाया है कि हरियाणा दिल्ली को आवंटित हिस्से से ज्यादा पानी देता रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए हमेशा कहा कि हरियाणा की ओर से दिल्ली को पानी की आपूर्ति ठीक है, लेकिन आप दिल्ली की जरूरत समझिए। हरियाणा ने अक्सर दिल्ली के लोगों की जरूरत समझी और दिल्ली को ज्यादा पानी दिया। दिल्ली पर सिर्फ आम आदमी पार्टी का ठेका नहीं है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और देश की शान है। आम आदमी पार्टी के लोगों की आदत शिकायत करने की हो गई है। उनकी शिकायत को कोई गंभीरता से नहीं लेता।
दूसरी राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि वजीराबाद में यमुना का जल स्तर एक फीट भी कम हो जाए तो दिल्ली में जल संकट शुरू हो जाता है। वजीराबाद में यमुना में जल स्तर 674.5 फीट होना चाहिए, जो घटकर 667 फीट रह गया है। इसका कारण यह है कि हरियाणा से यमुना में जो पानी छोड़ा जाता है वह अब तक सबसे निचले स्तर पर है। हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का 120 एमजीडी पानी नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1995-96 में दिल्ली के हिस्से का पानी निर्धारित किया था। लेकिन हरियाणा ने पानी रोक दिया है, जो अदालत के आदेश की अवमानना है।
उन्होंने कहा कि चंद्रावल जल शोधन संयंत्र से 90 एमजीडी की जगह 55 एमजीडी पानी आपूर्ति हुई। वहीं वजीराबाद संयंत्र से पेयजल आपूर्ति 135 एमजीडी से घटकर 80 एमजीडी व ओखला संयंत्र से पानी की आपूर्ति 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी हो गई है। एक दिन पहले भी उन्होंने हरियाणा पर दिल्ली के हिस्से का पानी रोकने का आरोप लगाया था।