SP के घर से चल रहा था ड्रग्स का कारोबार, यूपी में सामने आया सनसनीखेज मामला
लंबे समय से करोड़ों रुपये के नशे का कारोबार चल रहा था। बावजूद पुलिस को खबर तक नहीं हुई। साथ ही एलआइयू भी सोती रही।
नोएडा [मनीष तिवारी]। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में अजब मामला सामने आया है। यूपी पुलिस के एक एसपी के मकान पर छापा मारकर 1800 किलो ड्रग्स बरामद की है। इसकी कीमत 400 करोड़ रुपये आंकी गई है। एनसीबी ने दावा किया है कि देश में पकड़ी गई ड्रग्स की अब तक की सबसे बड़ी खेप है।
हैरानी की बात तो यह है कि करोड़ों रुपये के नशे का कारोबार करने के लिए विदेशी नागरिकों ने एसपी के आवास को सुरक्षित पनाहगार बना लिया था। एसपी फिलहाल डीपीएन पांडे लखनऊ में आर्थिक अपराध शाखा में एसपी के पद पर तैनात हैं।
आरोपितों द्वारा मकान में तीन वर्ष से नशे की फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। पुलिस के साथ ही आस-पास के लोगों को भी मामले की भनक तक नहीं लगी। मामले की जानकारी होने पर आस-पास के लोग हतप्रभ हैं। मशीन व करोड़ों रुपये का ड्रग्स बरामद करने के बाद एनसीबी ने मकान में ताला लगा दिया है।
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पी-4 का मकान नंबर ए-76 डीपीएन पांडे का है। डीपीएन पांडे लखनऊ में आर्थिक अपराध शाखा में एसपी के पद पर तैनात हैं। उन्होंने बताया मकान किराये पर उठाने का काम करने वाले एक व्यक्ति गौरव ने लगभग तीन वर्ष पूर्व मकान किराए पर उठाया था। मकान विदेशी नागरिक ब्रूनों को किराये पर दिया गया था। गौरव ने ही ब्रूनों का वेरीफिकेशन कराया था। ब्रूनों द्वारा मकान का किराया ऑनलाइन जमा किया जाता था। पिछले कुछ समय से मकान का बिल ज्यादा आ रहा था। साथ ही पानी का बिल भी बढ़ रहा था। ब्रूनों से मकान खाली कराने की तैयारी थी। सेक्टर के लोगों की माने तो मकान मालिक साल में एक-दो बार ही मकान देखने आते थे।
दिन में कम निकलता था बाहर
आस-पास के लोगों ने बताया ब्रूनों दिन के वक्त कभी-कभी ही दिखता था। रात में उसके कुछ मित्र आते थे। जिसमें विदेशी लड़कियां भी होती थी। आने वाले लोग ज्यादातर बड़ी-बड़ी गाड़ियों से आते थे। ब्रूनों सिगरेट या अन्य किसी प्रकार का नशा नहीं करता था। पास की दुकान से अक्सर वह अंडा व पानी की बोतल लेने के लिए आता था।
सेक्टर के लोगों को है एसपी के मकान की जानकारी
सेक्टर के ज्यादातर लोगों को जानकारी है कि यह मकान एसपी का है। साथ ही सेक्टर में आने वाली पुलिस को भी यह जानकारी थी। एसपी का मकान होने के कारण कोई उस तरफ नहीं जाता था।
विदेशी नागरिकों से समय-समय पर मिलता रहा है नशा
जांच के दौरान विभिन्न सेक्टरों में रहने वाले विदेशी नागरिकों के पास से नशीला पदार्थ मिलता रहा है। लगातार होने वाले मामलों को देखते हुए पुलिस ने विदेशी नागरिकों का गहनता से सत्यापन कराने का निर्णय लिया था। कुछ सेक्टरों में अभियान चलाने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
गिर सकती है पुलिस पर गाज
कासना कोतवाली क्षेत्र में लंबे समय से करोड़ों रुपये के नशे का कारोबार चल रहा था। बावजूद पुलिस को खबर तक नहीं हुई। साथ ही एलआइयू भी सोती रही। इसमें दोनों ही विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। संभावना है जल्द ही शासन स्तर से कार्रवाई हो सकती है। नशे का कारोबार करने वालों के लिए कम बसे सेक्टर आसान ठिकाना होते हैं।
छह वर्ष पहले भी पकड़ी गई थी फैक्ट्री
2013 में भी ओमीक्रान सेक्टर से नशे की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। ओमीक्रान सेक्टर में रहने वाले तीन नाइजीरियाई युवक सन्नी चुबा ओकोला, इमको डाइक और नबाबुको पैटिक को नौ जून 2013 में दादरी पुलिस ने बिना पासपोर्ट व वीजा के भारत में अवैध रूप से रहने पर गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपितों के घर से नशीला पदार्थ बरामद किया था।
विनीत जायसवाल (एसपी देहात) का कहना है कि एनसीबी ने मकान में ताला लगा दिया है। एनसीबी की तरफ से अभी पुलिस से संपर्क नहीं किया गया है। यदि संपर्क किया जाता है मकान की निगरानी के लिए पुलिस तैनात की जाएगी।
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