प्रदूषित हवा में सांस लेना 40 सिगरेट पीने के बराबर, इन बीमारियों का बना रहता है खतरा
वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर काजल कुमुद का कहना है कि सांस के द्वारा जो धुआं हमारे अंदर जा रहा है उससे कई तरह की बीमारी पनपने का खतरा रहता है।
गुरुग्राम, जेएनएन। शहर में वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहने से हवा सांस लेने के लायक नहीं है। अब लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि जो व्यक्ति धूमपान नहीं कर रहा है वो भी ऐसी हवा में रहने से हर रोज 40 सिगरेट पीने के बराबर धुआं सांस के द्वारा अंदर ले रहा है, जो धूमपान करने से ज्यादा खतरनाक है।
बढ़ रहा है वायु प्रदूषण
शहर में पिछले दस-पंद्रह दिन से वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुणा ज्यादा बढ़ा हुआ है और जल्द कम होने की संभावना भी नहीं है। 50 पीएम 2.5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
बरतें सावधानी
वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर काजल कुमुद का कहना है कि सांस के द्वारा जो धुआं हमारे अंदर जा रहा है उससे कई तरह की बीमारी पनपने का खतरा रहता है। टीबी से लेकर दमा और कैंसर जैसी बीमारी का भी खतरा बना रहता है। डॉ. कुमुद ने कहा कि जब तक वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है तब तक लोगों में अपने मुंह पर मास्क व कपड़ा बांधकर घर से निकलना चाहिए। इससे सांस के द्वारा शरीर के अंदर जाने वाले प्रदूषण की मात्रा कम होगी।
वाहनों से भी हो रहा है प्रदूषण
गौरतलब है कि शहर की सड़कों पर रेहड़ी वालों के अलावा डीजल ऑटो वालों का कब्जा है। जिस से जाम लगा रहता है। जबकि डीजल ऑटो शहर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बने हुए हैं। सड़कों पर ट्रैफिक रेंगता रहता है और किसी समाधान पर अमल नहीं हो रहा है।
15 दिन की रिपोर्ट
8 अक्टूबर को 350 पीएम 2.5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर वायु प्रदूषण दर्ज किया गया और 9 अक्टूबर को 376 व 10 अक्टूबर को 345, 11 अक्टूबर को 287, 12 अक्टूबर को 299 और 13 अक्टूबर को 326, 14 अक्टूबर को 365, 15 अक्टूबर को 329, 16 अक्टूबर को 340, 17 अक्टूबर को 356, 18 अक्टूबर को 334 और 19 अक्टूबर को 370 पीएम 2.5, 20 अक्टूबर को 400 पीएम 2.5 और 21 अक्टूबर को 366 पीएम 2.5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर वायु प्रदूषण दर्ज हुआ।