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मौत से मुलाकात को तैयार हो रहा 'जेल-3' निर्भया के चारों दोषियों को एकसाथ दी जा सकती है फांसी

Nirbhaya case निर्भया के दोषियों को फांसी देने की चल रही तैयारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मेरठ के रहने वाले जल्लाद पवन से भी तिहाड़ जेल प्रशासन संपर्क कर चुका है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 01:42 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 03:35 PM (IST)
मौत से मुलाकात को तैयार हो रहा 'जेल-3' निर्भया के चारों दोषियों को एकसाथ दी जा सकती है फांसी
मौत से मुलाकात को तैयार हो रहा 'जेल-3' निर्भया के चारों दोषियों को एकसाथ दी जा सकती है फांसी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। 2012 Delhi Nirbhaya case: 7 साल पहले 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार इलाके में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को हो सकता है अगले कुछ दिनों में फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया जाए, क्योंकि राष्ट्रपति के पास भेजी दया याचिका पर फैसला किसी भी समय आ सकता है। ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन के सूत्रों की मानें तो जेल के भीतर निर्भया मामले में चारों दोषियों (विनय शर्मा, पवन, अक्षय और मुकेश) को फांसी देने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अब दोषियों की दया याचिका पर राष्ट्रपति भवन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

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मेरठ का जल्लाद बक्सर की रस्सी से लगाएगा फांसी!

वहीं, निर्भया के दोषियों को फांसी देने की चल रही तैयारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मेरठ के रहने वाले जल्लाद पवन से भी तिहाड़ जेल प्रशासन संपर्क कर चुका है, जबकि बक्सर में फांसी देने के लिए रस्सी तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करते ही इन चारों के नाम ब्लैक वारंट यानी मौत का फरमान जारी कर दिया जाएगा। 

35 साल बाद एक साथ 4 दोषियों को दी जाएगी फांसी

यह जानकारी भी हैरान कर देने वाली है कि वर्ष 1983 में पहली बार आजाद भारत में एक साथ चार दोषियों को फांसी पर लटकाया गया था। दरअसल, पुणे की यरवदा जेल में 27 नवंबर, 1983 को चार लोगों को एक साथ फांसी पर चढ़ाया गया था, तब यह फांसी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी थी। बता दें कि इसे जोशी अभयंकर केस कहा जाता है, जिसमें चार लोगों ने दरिंदगी दिखाते हुए 10 लोगों का बेरहमी से कत्ल कर दिया था। ऐसे में देश में यह दूसरा मौका होगा, जब निर्भया के चारों दोषियों (विनय, अक्षय, मुकेश और पवन) को एक साथ फांसी दी जाएगी। एक साथ चार लोगों को फांसी देने का दिल्ली में यह पहला मामला होगा।

तिहाड़ में अफजल गुरु को दी गई थी फांसी

गौरतलब है कि निर्भया के दोषियों को फांसी देने के साथ तिहाड़ जेल के साथ कई ऐतिहासिक तथ्य भी जुड़ने वाले हैं। इससे पहले 21वीं सदी में पहली बार आतंकी अफजल गुरु को वर्ष, 2012 में फांसी की सजा दी गई थी। अफजल गुरु संसद हमले का मुख्य आरोपित था। 9 फरवरी, 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में ही फांसी पर लटकाया गया था। जांच एजेंसियों ने अफजल गुरु को लेकर यह खुलासा भी किया था कि जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी अफजल गुरु संसद पर हमले का मास्टर माइंड और उसी ने शातिराना अंदाज में संसद पर हमले की साजिश रची थी।

1982 को तिहाड़ में ही हुई थी रंगा बिल्ला को फांसी

वर्ष 1978 में बहन गीता चोपड़ा (16) और भाई संजय चोपड़ा (14) की वीभत्स हत्या में दोषी खूंखार बदमाशों रंगा और बिल्ला को पहली बार एक साथ फांसी दी गई थी। तिहाड़ जेल में यह पहला मौका था, जब दो दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया। हालांकि, एक साल के भीतर यानी देश की अन्य जेल यरवडा (महाराष्ट्र) में चार लोगों को फांसी दी गई।

1989 में मिली थी इंदिरा गांधी के दोषियों को फांसी

1989 में इंदिरा गांधी की हत्यारों को कोर्ट के फैसले के बाद सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी दी गई थी। यहां पर याद  दिला दें कि 31 अक्टूबर, 1984 को दिल्ली के सरकारी आवास पर इंदिरा गांधी को उनके ही अंगरक्षकों ने गोली मार दी थी। इस साजिश में केहर सिंह भी शामिल था। बेअंत सिंह को उसी वक्त अन्य सुरक्षा कर्मियों ने मार गिराया था, जबकि केहर सिंह और सतवंत सिंह कानूनी लड़ाई के बाद फांसी की सजा मिली थी।

चर्चा में तिहाड़ की जेल नंबर 3

दिल्ली ही नहीं एशिया की सबसे सुरक्षित जेल मानी जाने वाली तिहाड़ की तीन नंबर इमारत चर्चा में है, इसे जेल नंबर 3 भी कहा जाता है। दरअसल, यहां पर फांसी देने का काम किया जाता है। निर्भया के दोषियों की संभावित फांसी के मद्देनजर यहां पर गहमागरमी बढ़ गई है। जानकारी के लिए बता दें कि जेल नंबर 3 की इस इमारत में 16 डेथ सेल बनाए गए हैं। यहां पर फांसी की सजा पाए हुए दोषियों को रखा जाता है। फिलहाल यहां पर 17 कैदी हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।

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