नोएडा-गाजियाबाद मेट्रो कॉरिडोर को हरी झंडी, पांच से बढ़कर सात किमी का होगा ट्रैक
DMRC ने बुधवार को GDA संग हुई बैठक में बताया कि इस रूट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट सकारात्मक है। 15 दिन में संशोधित डीपीआर तैयार होगा। कॉरिडोर की लंबाई 5.11 किमी से बढ़ कर सात किमी होगी।
गाजियाबाद, जेएनएन। मेट्रो के फेज-तीन में नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी (सेक्टर-62) से सीधे गाजियाबाद के मोहननगर तक मेट्रो कॉरिडोर बनाना संभव है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बुधवार को जीडीए में हुई बैठक में उपाध्यक्ष को बताया कि फिजिबिलिटी स्टडी की रिपोर्ट सकारात्मक आई है।
ग्राउंड वर्क कर लिया गया है। 15 दिन में संशोधित डीपीआर तैयार कर दी जाएगी। यह जानकारी भी दी कि संशोधन के बाद लागत 200 करोड़ रुपये बढ़कर करीब दो हजार करोड़ रुपये हो जाएगी।
फेज-तीन के तहत नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद और वैशाली से मोहननगर तक दो कॉरिडोर की डीपीआर बनी थी। फंड की कमी के कारण जीडीए ने तय किया था कि दो चरणों में इस फेज का निर्माण कार्य होगा। पहले नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया गया था। इसे बनाने में 1886 करोड़ रुपये खर्च आता। इस पर वैभव खंड, इंदिरापुरम, शक्ति खंड, वसुंधरा सेक्टर-पांच और साहिबाबाद (वसुंधरा लाल बत्ती पार) में स्टेशन प्रस्तावित थे।
बाद में जीडीए अधिकारियों ने मशविरे के बाद पाया कि इस कॉरिडोर को मोहननगर तक विस्तार दिया जाए तो ज्यादा उपयोगी होगा। इस पर डीएमआरसी को डीपीआर में संशोधन के लिए कहा गया था। डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर में संशोधन संभव है।
संशोधन पर साहिबाबाद में प्रस्तावित स्टेशन की लोकेशन में बदलाव होगा। इसके अलावा कॉरिडोर की लंबाई 5.11 किलोमीटर से बढ़ कर करीब सात किलोमीटर हो जाएगी। ऐसे में लागत बढ़ेगी। नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से एनएच-नौ के ऊपर होते हुए गाजियाबाद में सीआइएसएफ रोड के बीचोंबीच इस कॉरिडोर को बनाया जाना है। साहिबाबाद पर इसका अलाइनमेंट बदलेगा।
नया बस अड्डा कॉरिडोर की लागत कम होने की उम्मीद नहीं
डीएमआरसी नवंबर अंत तक दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा कॉरिडोर पर मेट्रो रेल का संचालन शुरू करने में सक्षम है। इस बैठक में डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि नवंबर दूसरे सप्ताह तक हर तरह का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टेशन और फुटओवर ब्रिज की फिनिशिंग का कार्य अंतिम चरण में हैं। जीडीए की तरफ से इस कॉरिडोर के निर्माण में फाइनल लागत के बारे में भी पूछा गया। डीएमआरसी ने मौखिक रूप से बताया कि डीपीआर में अंकित लागत के करीब ही फाइनल लागत आ रही है। ऐसे में लागत कम होने की जीडीए की उम्मीद कम होती नहीं दिख रही। उलटा लागत मामूली बढ़ने का इशारा डीएमआरसी ने किया है। उन्होंने बताया कि वह जल्द लिखित में फाइनल लागत बताएंगे।
कॉरिडोर के दोनों ओर 500 मीटर तक लगेगा मेट्रो सेस
पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने जीडीए से पूछा है कि इस मेट्रो प्रोजेक्ट पर हो रहे खर्च की वसूली वह कैसे करेंगे। जीडीए ने जवाब में बताया है कि कॉरिडोर के दोनों ओर 500 मीटर मेट्रो सेस लिया जा रहा है। इसके अलावा प्रवर्तन जोन-एक से मेट्रो स्टेशन चार्ज भी लिया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द कैबिनेट से दूसरे फेज की डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी।
जीटी रोड पर जाम न लगे, डीएमआरसी ने बनाया प्लान
दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा कॉरिडोर पर मेट्रो का संचालन शुरू होने पर जीडीए को जीटी रोड पर जाम लगने का डर है। इसके लिए ट्रैफिक प्लान बनाने के लिए डीएमआरसी को कहा गया था। उन्होंने प्लान बना लिया है। बुधवार को बैठक में बताया कि पार्क-वे को लंबा कर दिया जाए। हालांकि, बैठक में इस पर सहमति नहीं बनी। यह कहा गया कि अस्थाई रूप से जरूरत पड़ने पर ऐसा किया जा सकता है। इसके लिए सिमेंटेड बैरियर बनवा कर रख लिए जाएं। जीडीए उपाध्यक्ष ने मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और यातायात पुलिस से कहा है कि बृहस्पतिवार को वह डीएमआरसी के प्लान को समझने के लिए सर्वे कर लें।