Delhi Violence: दंगाइयों का आइएसआइ कनेक्शन खंगालेगी क्राइम ब्रांच
Delhi Violence क्राइम ब्रांच को हिंसा के अब तक जो सबूत मिले हैं उनमें बाहर से आए लोगों द्वारा हिंसा किए जाने की बात भी सामने आई है
नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। यमुनापार में शांति बहाली के साथ ही एसआइटी ने दंगे की जांच को और तेज कर दिया है। क्राइम ब्रांच को हिंसा के अब तक जो सबूत मिले हैं, उनमें बाहर से आए लोगों द्वारा हिंसा किए जाने की बात भी सामने आई है। इस बीच दंगे में मिली बड़ी गुलेल के वर्षो पूर्व आइएसआइ द्वारा प्रयोग किए जाने की बात भी सामने आई है। ऐसे में अब क्राइम ब्रांच दंगे का आइएसआइ कनेक्शन भी खंगालेगी।
नशीले पदार्थों की तस्करी में होता गुलेल का प्रयोग
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली दंगे में जो बड़ी गुलेल मिली है, उस तरह की गुलेल का प्रयोग वर्षों पूर्व अटारी व फिरोजपुर सीमा पर स्मैक व दूसरे नशीले पदार्थों की तस्करी में होता था। इस तरह की गुलेल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की देन थी। लेकिन उत्तर-पूर्वी जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा में भी इस तरह की गुलेल घातक हथियार बनी। उपद्रवियों ने टायर, ट्यूब और रबड़ से बनी इस गुलेल का प्रयोग पत्थरों, ज्वलनशील पदार्थों की मार को दूर तक पहुंचाने के लिए किया।
उत्तर-पूर्वी जिले में जिस तरह से दंगे हुए एसआइटी को शक है कि कहीं हिंसा करने की तैयारी पहले से तो नहीं थी, तभी ताहिर हुसैन के घर समेत कइयों के पास से पुलिस को आपत्तिजनक सामान मिला। जांच अधिकारियों को यह भी शक है कि हिंसा की पूरी तैयारी करने के बाद ही मुस्तफाबाद मेट्रो स्टेशन के पास जाफराबाद रोड को जाम किया गया ताकि विरोध करने पर वह अपनी साजिश को अंजाम दे सकें।
हत्या के मामलों की एसआइटी पहले कर रही जांच
उत्तर-पूर्वी जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में क्राइम ब्रांच ने जहां दंगाइयों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वहीं सबसे पहले हत्या के मामलों की जांच की जा रही है। दंगे के अब तक कुल 167 केस दर्ज किए जा चुके हैं, 36 केस आर्म्स एक्ट की धारा में दर्ज किए गए। वहीं हत्या की धाराओं में 42 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें सात मामले फिलहाल क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किए गए हैं। इस बीच 885 उपद्रवियों की धरपकड़ की जा चुकी है।
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा के मुताबिक हालात पूरी तरह नियंत्रण में है। शनिवार को दंगे की कोई कॉल पुलिस कंट्रोल रूम को नहीं मिली। जांच के लिए भजनपुरा व खजूरीखास दो थानों में क्राइम ब्रांच ने अस्थायी कार्यालय बनाए हैं। तीन दिनों तक हुई हिंसा की सभी थाना क्षेत्रों की पुलिस ने वीडियोग्राफी कराई थी ताकि उसके जरिये दंगाइयों की पहचान की जा सके। सभी थानों के पास दंगाइयों की पर्याप्त तस्वीरें हैं। एसआइटी स्थानीय थाना पुलिस के साथ मिलकर जल्द उनकी पहचान करेगी ताकि दंगे में उपद्रव करने वालों को दबोचा जा सके। पुलिस स्थानीय लोगों से भी सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराने का अनुरोध कर रही है।
हत्या के मामलों की एसआइटी पहले कर रही जांच
उत्तर-पूर्वी जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में क्राइम ब्रांच ने जहां दंगाइयों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वहीं सबसे पहले हत्या के मामलों की जांच की जा रही है। दंगे के अब तक कुल 167 केस दर्ज किए जा चुके हैं, 36 केस आर्म्स एक्ट की धारा में दर्ज किए गए। वहीं हत्या की धाराओं में 42 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें सात मामले फिलहाल क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किए गए हैं। इस बीच 885 उपद्रवियों की धरपकड़ की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा के मुताबिक हालात पूरी तरह नियंत्रण में है। शनिवार को दंगे की कोई कॉल पुलिस कंट्रोल रूम को नहीं मिली।
जांच के लिए भजनपुरा व खजूरीखास दो थानों में क्राइम ब्रांच ने अस्थायी कार्यालय बनाए हैं। तीन दिनों तक हुई हिंसा की सभी थाना क्षेत्रों की पुलिस ने वीडियोग्राफी कराई थी ताकि उसके जरिये दंगाइयों की पहचान की जा सके। सभी थानों के पास दंगाइयों की पर्याप्त तस्वीरें हैं। एसआइटी स्थानीय थाना पुलिस के साथ मिलकर जल्द उनकी पहचान करेगी ताकि दंगे में उपद्रव करने वालों को दबोचा जा सके। पुलिस स्थानीय लोगों से भी सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराने का अनुरोध कर रही है।