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Jaypee-आम्रपाली के बाद दिवालिया होने की कगार पर एक और नामी बिल्डर, हजारों फ्लैट फंसे

आम्रपाली और जेपी के बाद दिल्ली-एनसीआर का एक और नामी बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर आ गया है। इस बिल्डर का मामला भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चला गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 12:10 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 10:01 AM (IST)
Jaypee-आम्रपाली के बाद दिवालिया होने की कगार पर एक और नामी बिल्डर, हजारों फ्लैट फंसे
Jaypee-आम्रपाली के बाद दिवालिया होने की कगार पर एक और नामी बिल्डर, हजारों फ्लैट फंसे

नई दिल्ली/नोएडा, जेएनएन। रिएल सेक्टर में आई मंदी और बिल्डरों की लापरवाही का खामियाजा हजारों निवेशकों को भुगतना पड़ रहा है। आम्रपाली और जेपी के बाद दिल्ली-एनसीआर का एक और नामी बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर आ गया है। इस बिल्डर का मामला भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चला गया है, इसी के चलते अब सिक्का बिल्डर की दिवालिया प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे जाहिर है, हजारों की संख्या में फ्लैट खरीदारों पर संकट आने वाला है, क्योंकि निवशकों को अब तक बिल्डर फ्लैट देने का आश्वासन देते रहे हैं, फ्लैट नहीं दे पाए हैं। 

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दिवालिया प्रक्रिया के लिए IRP नियुक्त

जानकारी के मुताबिक, सिक्का बिल्डर के दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसके लिए इंटेरिम रेज्यूलेशन प्रोफेशनल ( Interim Resolution Professional) भी नियुक्त कर दिया गया है। इसके तहत 9 फरवरी तक इस बिल्डर के खरीदारों को अपना क्लेम फॉर्म भरकर IRP के पास जमा करना है। इसके 6 महीने तक IRP इसके प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे और उसके बाद आगे की प्रक्रिया उसके बाद शुरू होगी। 

बता दें कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा में सिक्का समूह के पांच परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। शहर में आम्रपाली जेपी के बाद आए दिन कोई न कोई बिल्डर एनसीएलटी में किसी न किसी केस में जा रहा है। इसके चलते अब सिक्का समूह पर दीवालिया प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए अनूप कुमार को आइआरपी नियुक्त किया गया है। इनको छह महीने में परियोजनाओं की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट एनसीएलटी में जमा करनी होगी। बिल्डर की नोएडा में चार परियोजनाएं है।

रेरा के मुताबिक इन चारों परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। लगभग 54.93 एकड़ क्षेत्रफल है, जिसमें कुल 3772 यूनिट बनाई जा रही हैं। इसमें से 2018 से 2022 तक मकानों पर कब्जा दिया जाना है। 2018 में सेक्टर-78 में कार्मिक ग्रीन परियोजना के मकानों पर कब्जा दिया जाना है। ऐसे में आइआरपी की नियुक्ति ने खरीदारों में हलचल का माहौल बना दिया है।

खरीदारों का मानना है कि वह कई वर्षों से अपने मकानों पर कब्जा लेना चाहते हैं। ऐसे में एनसीएलटी द्वारा आइआरपी नियुक्ति के चलते कहीं आम्रपाली व जेपी की तरह मामला लटक न जाए। नोएडा में बिल्डर द्वारा सेक्टर-78 में कार्मिक ग्रीन्स, सेक्टर-143बी में करनम ग्रीन्स, सेक्टर-143ए में कामना ग्रीन्स, सेक्टर-79 में किमंत्रा ग्रीन्स इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में बी-1 सेक्टर-10 में काम्या ग्रीन्स नाम से परियोजनाएं चल रही हैं।

बिल्डर पर 152 करोड़ रुपये बकाया
सिक्का समूह नोएडा प्राधिकरण की डिफाल्टर सूची में शामिल है। सूची में समूह के सेक्टर-143बी में करनम ग्रीन्स नाम से परियोजना चल रही है। बिल्डर को बकाये के रूप में 152.50 करोड़ रुपये प्राधिकरण को देने हैं। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा कई बार नोटिस जारी किया जा चुका है। लेकिन अब तक बकाया रकम जमा नहीं की गई। प्राधिकरण जिला प्रशासन को आरसी के जरिए भी रिकवरी करवाने के लिए पत्र लिख चुका है। 

बिल्डर की लापरवाही में फंसे हजारों निवेशक
ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में निवेश करने वाले तकरीबन 2 लाख लोग एक दशक से अपने फ्लैट के पजेशन के लिए इंतजार कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, तकरीबन 100 बिल्डर प्रॉजेक्ट्स ऐसे हैं, जिसे फंड की कमी के कारण बिल्डर पूरा नहीं कर पा रहा है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हजारों की संख्या में ऐसे बायर्स हैं जिन्होंने साल 2008 और 2011 के बीच अपने फ्लैटों की बुकिंग करा ली थी। अब तो ये निवेशक बिल्डर को 95 फीसद पैसा दे चुके हैं, लेकिन पजेशन मिलने की आस दूर-दूर तक नहीं है।

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