आइएनएक्स मीडिया मामला : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट 14 फरवरी तक के लिए स्थगित
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इससे पहले आइएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम की मांग को कोर्ट ने को स्वीकार कर लिया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) द्वारा दर्ज किए गए आइएनएक्स मीडिया मामले में दाखिल अग्रिम जमानत याचिका से जुड़े कुछ अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने की पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम की मांग को हाई कोर्ट ने बुधवार को स्वीकार कर लिया।
मवार को पी. चिदंबरम ने 3 फरवरी को अलग-अलग अखबारों में प्रकाशित खबर की प्रिंट आउट दाखिल करने की अनुमति मांगी थी। जिसमें कानून मंत्रालय के हवाले से खबर प्रकाशित की गई थी कि चिदंबरम को आरोपित बनाने की केंद्र सरकार सीबीआइ को अनुमति दे सकती है।
चिदंबरम की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनील गौर ने आवेदन स्वीकार करते हुए अतिरिक्त दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लिया है। पूर्व गृह मंत्री द्वारा अधिवक्ता अर्शदीप सिंह व प्रमोद दुबे के माध्यम से दाखिल किए गए आवेदन में कहा कि यह संज्ञान में लाना जरूरी है कि सीबीआइ ने मामले की जांच पूरी कर ली गई है और आरोपित बनाने की अनुमति मांगी गई है।
आवेदन में कहा गया कि उक्त खबर 3 फरवरी को कई अखबारों में प्रकाशित की गई थी। बता दें इससे पहले 25 जनवरी को हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति सुनील गौर ने अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 25 जनवरी को सीबीआइ और ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी. चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल कर रहे थे और लंबे जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा था कि चिदंबरम अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं और एजेंसियों को उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। उन्होंने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह भी कहा कि एजेंसियां उन्हें गिरफ्तार करने, संबंधित अदालत के सामने पेश करने और पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने के लिए अपने वैधानिक अधिकारों का उपयोग करने की अनुमति मांग रही हैं।
बता दें कि वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी। आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआइपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुई। इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।