धोखाधड़ी के शिकार 1800 निवेशक खुद बनाना चाहते हैं फ्लैट, मांगी हाई कोर्ट से इजाजत
गुरुग्राम में फ्लैट व कॉमर्शियल स्पेस देने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगी करने वाली एएन बिल्डवेल कंपनी के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के 18 सौ निवेशक एकजुट हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गुरुग्राम के मानेसर और सेक्टर-103 में फ्लैट व कॉमर्शियल स्पेस देने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगी करने वाली एएन बिल्डवेल कंपनी के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के 18 सौ निवेशक एकजुट हो गए हैं। रियल एस्टेट कंपनी को दिवालिया घोषित किए जाने के बाद अब उन्होंने निवेशकों की एसोसिएशन को प्रोजेक्ट सौंपने की मांग की है। ताकि, वह खुद प्रोजेक्ट को पूरा कराकर अपने आशियाने के सपने को पूरा कर सकें। इस संबंध में उन्होंने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और हाई कोर्ट से भी अनुरोध किया है।
दरअसल निवेशकों ने अधूरे पड़े निर्माण में आई लागत, निवेशकों द्वारा जमा की रकम व उन पर बकाया रकम तथा प्रोजेक्ट पूरा करने में आने वाली अनुमानित लागत समेत एएन बिल्डवेल कंपनी के बारे में अन्य तमाम तरह की जानकारियां हासिल की हैं। इसके बाद निवेशकों ने पिछले दिनों न केवल दिल्ली हाई कोर्ट व दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को प्रतिलिपि मुहैया कराई है, बल्कि समस्या से उबरने के लिए सुझाव भी दिए हैं।
निवेशक इस मामले में गुरुग्राम और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में छह केस दर्ज करा चुके हैं। गुरुग्राम पुलिस एक केस में आरोप पत्र भी दाखिल कर चुकी है। कुछ निवेशकों ने इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा को पत्र लिख एसआइटी गठित कर जांच कराए जाने की गुहार भी लगाई है।
निवेशकों का कहना है कि 75 लाख रुपये जमा न करने और आदेश का उल्लंघन करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आठ मार्च 2016 को एएन बिल्डवेल कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया था। इससे बिल्डवेल की ही कंपनी एस्पायर एज के 1800 निवेशकों पर खतरा मंडरा गया। ऐसे में निवेशक एसोसिएशन के पदाधिकारी विकास सेठी, रेणुका कुलकर्णी, नयनतारा प्रसाद, उपेंद्र व पूजा ने बिल्डर के खिलाफ लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। तमाम तहकीकात से पता चला कि कंपनी पर किसी प्रकार का कोई लोन नहीं था, जो निवेशकों के लिए संतोषजनक स्थिति थी।
इसके बाद निवेशकों ने हाई कोर्ट को कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी दी है। साथ ही अनुरोध किया है कि यदि प्रोजेक्ट निवेशक एसोसिएशन को सौंप दिया जाए तो वह खुद फ्लैट का निर्माण पूरा कर अपनी क्षतिपूर्ति कर लेंगे।
निवेशकों के मुताबिक प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए निवेशकों से आइ रकम में से कंपनी के अधिकारी संदीप हुडा के व्यक्तिगत खाते में 4 करोड़, एसके हुड्डा के खाते में 4.40 करोड़ के अलावा गुरुग्राम में स्कूल निर्माण में पैसे लगा दिए गए। सुनील गांधी के खाते में 11 लाख, उनकी पत्नी के खाते में 77.50 लाख, दिलीप भोला के खाते में 55.20 लाख रुपये जाने का पुलिस ने आरोप पत्र में जिक्र किया है। वही आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने भी निवेशकों के प्रयास को एक सराहनीय पहल बताया है।