पढ़िए- दिल्ली में AAP-कांग्रेस गठबंधन पर शीला दीक्षित ने दिया क्या जवाब
कांग्रेस दिल्ली की सत्ता से पूरी तरह बाहर है। ऐसे में उन्हें न केवल इसमें नई जान फूंकनी है, बल्कि संभावित लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से खुद को भी एक बार फिर साबित करना है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष शीला दीक्षित का नाम यहां के सियासी जगत में आज भी बड़े अदब से लिया जाता है। लगातार 15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला के कराए गए विकास कार्य दिल्लीवासी अभी भूले नहीं हैं। शायद इसीलिए जब पार्टी की दिल्ली इकाई के लिए नए नेतृत्व के चयन का समय आया तो हाईकमान को उनसे बेहतर कोई और नजर नहीं आया। एक तरफ शीर्ष नेतृत्व को शीला से काफी उम्मीदें हैं तो दूसरी तरफ उनके सामने चुनौतियां भी बहुत अधिक हैं। कांग्रेस इस समय दिल्ली की सत्ता से पूरी तरह बाहर है। ऐसे में उन्हें न केवल इसमें नई जान फूंकनी है, बल्कि संभावित लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से खुद को भी एक बार फिर साबित करना है। इन्हीं विषयों पर दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता संजीव गुप्ता ने शीला दीक्षित से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :
1. पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए आपकी क्या रणनीति है?
- पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता रोज मुझसे मिलने आ रहे हैं। 16 जनवरी को मैं प्रदेश कार्यालय में कार्यभार संभालने जा रही हूं। वहां भी प्रदेश के सभी छोटे बड़े नेताओं और कार्यकर्ता को आमंत्रित किया जा रहा है। वहां कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह दिखेगा। पार्टी को मजबूत करने के लिए बहुत ही जल्द कार्यकारिणी सहित सभी समितियां बनाई जाएंगी।
2. आपकी उम्र को लेकर भी कुछ सवाल उठ रहे हैं, इस पर क्या कहेंगी?
- इस पर मैं कुछ नहीं कहूंगी। मैं बिल्कुल फिट हूं, मेरी तबीयत भी एकदम ठीक है। अब यह समय ही बताएगा कि मेरे अध्यक्ष बनने से पार्टी कितनी आगे बढ़ती है।
3. आपका सबसे बड़ा विरोधी कौन है, भाजपा या आम आदमी पार्टी?
- हम किसी को नंबर एक नहीं मानते। दोनों ही पार्टियों के साथ हमारा बराबर का विरोध है। दोनों के ही गलत निर्णयों, जन विरोधी नीतियों और जनता से किए गए झूठे वादों का हम विरोध करते हैं।
4. आम आदमी पार्टी ने फ्री बिजली और पानी देकर कांग्रेस के वोट बैंक में जो सेंध लगाई है, उसकी क्षतिपूर्ति कैसे करेंगी?
- पहले तो मैं यही पूछना चाहूंगी कि फ्री बिजली और पानी मिला ही कितने लोगों को है? यह आम आदमी पार्टी की सरकार का छलावा है। दिल्लीवासी इस सच से वाकिफ हो चुके हैं। इसलिए कांग्रेस का वोट बैंक बहुत जल्द खुद-ब-खुद वापस आ जाएगा।
5. जब आप मुख्यमंत्री थीं, तब और आज के राजनीतिक हालात में कितना फर्क महसूस करती हैं?
- देखिए, तब और आज के राजनीतिक हालात में बहुत फर्क हैं। तब कांग्रेस सत्ता में थी, अब जीरो पर है। तब विपक्ष के रूप में केवल भाजपा थी, अब आम आदमी पार्टी भी है। तमाम समीकरण और राजनीतिक परिस्थितियां भी बदल गई हैं। हालांकि यह बदलाव हर स्तर पर स्वाभाविक है। राजनीति ही नहीं, जीवन में भी ऐसा होता ही रहता है। कहते भी हैं न कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है।
6. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सत्ता में आए थे.. (बीच में ही बात काटते हुए) : ..लेकिन साबित तो नहीं कर पाए न। अगर वह एक भी आरोप साबित कर पाए हों तो बताइए। आरोप लगाने से क्या होता है, कोई भी किसी पर भी लगा देता है। यह सबसे आसान काम है। साबित करके दिखाया होता तो मैं मानती।
7. मेरा पूरा सवाल था कि क्या आप ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहेंगी?
- देखिए, आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की फिलहाल कोई चर्चा नहीं है। कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। मैं व्यक्तिगत तौर पर भी इस गठबंधन के पक्ष में नहीं हूं।