Move to Jagran APP

योग के साथ साधें शानदार करियर, मिलेगी बेहतर सैलरी, इन जगहों से कर सकते हैं कोर्स

International Yoga Day 2021 कोरोना संक्रमण से बचाव में योग की महत्वपूर्ण भूमिका देखी-समझी गई है। अपनी दिनचर्या में नियमित योगासन और प्राणायाम शामिल करने वाले लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने या फिर कोरोना से जल्दी उबरने में काफी मदद मिली है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 02:25 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 02:25 PM (IST)
योग के साथ साधें शानदार करियर, मिलेगी बेहतर सैलरी, इन जगहों से कर सकते हैं कोर्स
योग का प्रशिक्षण देने वाले विशेषज्ञों की मांग शैक्षणिक संस्थानों से लेकर कारपोरेट कंपनियों तक में तेजी से बढ़ रही

नई दिल्‍ली, जेएनएन। International Yoga Day 2021 हाल के वर्षों में भारत समेत दुनियाभर में योग की स्वीकार्यता बढ़ी है। ऐसे में योग का प्रशिक्षण देने वाले विशेषज्ञों की मांग शैक्षणिक संस्थानों से लेकर कारपोरेट कंपनियों तक में तेजी से बढ़ रही है। चिकित्सा जगत की मशहूर पत्रिका लैंसेट की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से उबरे तीन में से एक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। कोरोना संक्रमण के बाद मानसिक स्वास्थ्य डिस्ऑर्डर से ग्रस्त ऐसे लोगों की अनुमानित संख्या 34 फीसद के लगभग है।

prime article banner

कोरोना के कारण पिछले करीब सवा साल से पढ़ाई-लिखाई से लेकर कामकाज को नुकसान पहुंचने से ज्यादातर लोग इससे प्रभावित हैं। उनमें अवसाद, तनाव और निराशा दिख रही है। वैसे, महामारी से पूर्व भी बदलती जीवनशैली के कारण लोगों का जीवन तनावपूर्ण था, लेकिन कोरोना के कारण उत्पन्न चुनौतियों ने इसे और बढ़ा दिया है। ऐसे में इससे बचने के लिए उन्हें होलिस्टिक उपचार की जरूरत है। इसमें योग बेहद कारगर साबित हो रहा है। चिकित्सक भी योगासन और प्राणायाम करने की सलाह देते रहे हैं। दरअसल, योग से न सिर्फ मानसिक संतुलन ठीक रहता है, बल्कि यह तन-मन को पूरी तरह फिट रखता है।

बढ़ती संभावनाएं: कोरोना के इस संकटकाल में हर किसी को योग की उपयोगिता का एहसास हो गया है। योग से न केवल रिकवरी में मदद मिल रही है, बल्कि मानसिक शांति भी मिल रही है। महामारी से बचाव के लिए अभी तक इम्युनिटी मजबूत करना ही सबसे कारगर उपाय माना जा रहा है। ऐसे में लोग योग, प्राणायाम, मेडिटेशन, अनुलोम-विलोम और कपालभाति के रूप में तरह-तरह के आसन से अपनी इम्युनिटी मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है आने वाले वर्षों में यह हर किसी की दिनचर्या का अटूट हिस्सा होगा। जाहिर है इससे इस प्राकृतिक विधा को सीखने और सिखाने वाले की भी जरूरत पड़ेगी। वैसे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार योग को दिनचर्या में शामिल करने पर जोर दिया जाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी इसकी स्वीकार्यता बढ़ाते हुए हर साल २१ जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया गया है। योग की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए ही सीबीएसई सहित देश के कई राज्य बोर्डों के स्कूलों में इस विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है, जहां योग शिक्षक-प्रशिक्षक के रूप में अच्छे अवसर मिल रहे हैं।

जॉब्स के अवसर: कोरोना के बाद बदली परिस्थितियों में इन दिनों आनलाइन योग क्लासेज की काफी लोकप्रियता देखी जा रही है। संक्रमण से बचने के लिए और अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोग इस तरह के वर्चुअल योग क्लासेज को खूब पसंद कर रहे हैं। घर बैठे नये-नये उपयोगी योगासन और प्राणायाम सीखने में उन्हें इस माध्यम से काफी मदद मिल रही है। दूसरी ओर, प्रशिक्षित योग शिक्षकों को करियर का यह नया विकल्प मिल गया है, जहां वे लोगों को आनलाइन योग सिखाकर अच्छे पैसे कमा रहे हैं। वैसे, योग प्रशिक्षकों की जरूरत स्कूल-कॉलेज से लेकर बड़ी-बड़ी कारपोरेट कंपनियों और हॉस्पिटल्स में भी देखी जा रही है। इसके अलावा, बड़ी-बड़ी कॉलोनियों और सोसाइटीज के हेल्थ क्लबों में भी इन प्रोफेशनल्स की काफी मांग है। कारपोरेट क्लासेज लगाकर और प्राइवेट टीचिंग करके भी इस क्षेत्र में अच्छी कमाई की जा सकती है।

कोर्स एवं योग्यता: योग की प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेने के लिए कई तरह के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, जहां र्सिटफिकेट से लेकर डिग्री और पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स किए सकते हैं। किसी भी मान्यताप्राप्त संस्थान से 12 वीं के बाद इसका सर्टिफिकेट और डिग्री कोर्स किया जा सकता है। वहीं, योग में पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए ग्रेजुएशन होना चाहिए।

प्रमुख संस्थान

मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग, नई दिल्ली

www.yogamdniy.nic.in

राजर्षि टंडन मुक्त विवि, उ.प्र.

www.uprtou.ac.in

इंडियन इंस्टी. ऑफ योग ऐंड नेचुरोपैथी, दिल्ली

www.iiyn.in

सर्वांगीण विकास के साथ अच्छी कमाई भी: वरुण आर्य योग एकेडमी के योगाचार्य एवं डायरेक्टर वरुण आर्य ने बताया कि आज के समय में जब सेहत सर्वोपरि हो गया है, ऐसे में मेरे खयाल से योग से बेहतर शायद ही कोई और करियर है। ऐसा इसलिए कि अगर आप अच्छे योग शिक्षक हैं, तो एक तो स्वयं का स्वास्थ्य ठीक रखते हैं। समाज के लिए आप बेहतर योगदान दे रहे हैं। साथ ही साथ अपने लिए अर्थोपार्जन भी कर रहे हैं। कोरोना की वजह से यह फील्ड अब तेजी से बढ़ रहा है और इससे संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। रही बात सैलरी की तो योग में कमाई की कोई सीमा नहीं है। बाबा रामदेव का उदाहरण हमारे सामने है। यहां आप जितने अच्छे योग टीचर होंगे, उतनी ज्यादा आपकी कमाई होगी। बस, युवाओं को मेरी यही सलाह है कि वे इस फील्ड में केवल इस दृष्टि से न आएं कि यह रोजगार है। यह सोचकर आएं कि हम सोसाइटी के लिए भी अच्छा कर सकते हैं। अगर यह सोचकर आएंगे कि हमें सैलरी कितनी मिलेगी, तो इसे गंभीरता से नहीं ले पाएंगे और न ही सीख पाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.