International Happiness Day 2021 : हैप्पीनेस कक्षाओं ने बदली युवाओं की जिंदगी
स्कूल आफ हैप्पीनेस विभाग के प्रमुख डा. टीके मिश्र ने बताया कि पाठ्यक्रम के जरिये युवाओं में सकारात्मक सोच का संचार करते हैं। युवाओं में अकेलापन असुरक्षा अविश्वास अंहकार ज्यादा है। उनकी इस सोच व प्रवृत्ति को हमने बदला।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। युवाओं को चिंता, हताशा और निराशा के गर्त से निकालने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय संबद्ध रामानुजन काॅलेज ने स्कूल आफ हैप्पीनेस की शुरुआत की है। इसका सकारात्मक असर युवाओं पर दिखा है। छह माह के हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के भागी बने युवा कोरोना काल में न केवल आशावादी बने रहे, बल्कि उन्होंने बढ़-चढ़कर दूसरों की मदद भी की। काॅलेज के एक सर्वे में छात्रों ने भी माना कि हैप्पीनेस कक्षाओं ने उनकी सोच बदल दी है।
पाठ्यक्रम के जरिये युवाओं में सकारात्मक सोच का संचार
स्कूल आफ हैप्पीनेस विभाग के प्रमुख डा. टीके मिश्र ने बताया कि पाठ्यक्रम के जरिये युवाओं में सकारात्मक सोच का संचार करते हैं। युवाओं में अकेलापन, असुरक्षा, अविश्वास, अंहकार ज्यादा है। उनकी इस सोच व प्रवृत्ति को हमने बदला। हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के केंद्र बिंदु में शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और अध्यात्म है। हम इन्हीं तीनों के जरिये युवाओं की जिंदगी बदलने की कोशिश करते हैं। योग भी पाठ्यक्रम का अहम हिस्सा है। रामानुजन काॅलेज की कक्षाओं का युवाओं पर सकारात्मक असर हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने दिखाई रुचि
डाॅ. टीके मिश्र कहते हैं कि हैप्पीनेस कक्षाओं का दूसरा बैच फरवरी से शुरू हुआ है। काॅलेज हैप्पीनेस प्रैक्टिशनर तैयार करने में जुटा हुआ है। सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज युवा काॅरपोरेट जगत के काफी काम आ सकते हैं। ये कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाने में मददगार होंगे। इसमें एक अमेरिकी समेत कई अन्य कंपनियों ने इस अवधारणा में दिलचस्पी दिखाई है। नर्सिंग, ग्राहक संतुष्टि, पर्यटन सरीखे क्षेत्रों में इसकी काफी मांग है।
बता दें कि हैप्पीनेस की कक्षाएं दिल्ली सरकार के स्कूलों में भी चल रही हैं। बच्चों को इसका काफी फायदा भी मिल रहा है। शिक्षक एवं बच्चे दोनों की सरकार के इस नए नए प्रयोग का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। केजरीवाल सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया इस योजना पर काफी ध्यान भी दे रहे हैं।