Move to Jagran APP

Inspiring Story: घरेलू महिलाएं लिख रहीं कामयाबी की दास्तान, पैसे कमाने की चाहत रखनों वालों के लिए बन रहीं प्रेरणा

आर्थिक संकट से जूझकर स्वाबलंबी होने की दिशा निरंतर प्रयासरत ख्याला के बालाजी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने इस बात को साबित किया है। दस महिलाओं का यह समूह आपसी फंड एकत्रित कर घर बैठे स्वादिष्ट व खस्ता गुझिया मट्टी नमकपारे आदि खाद्य सामग्रियां तैयार करती हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 06:17 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 06:17 PM (IST)
Inspiring Story: घरेलू महिलाएं लिख रहीं कामयाबी की दास्तान, पैसे कमाने की चाहत रखनों वालों के लिए बन रहीं प्रेरणा
महिलाओं ने क्षेत्र के कुछ मिठाई दुकानदारों के साथ खुद को टाइअप कर लिया है।

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। घरेलू महिलाओं के मुंह से अमूमन सुनने को मिलता है कि उन्हें घर के कामकाज के अलावा कुछ विशेष नहीं आता। पर वे नहीं जानती जिसे कम विशेष आंक रही हैं वह असल मायने में उनका सबसे खास हुनर है। आर्थिक संकट से जूझकर स्वाबलंबी होने की दिशा निरंतर प्रयासरत ख्याला के बालाजी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने इस बात को साबित किया है। दस महिलाओं का यह समूह आपसी फंड एकत्रित कर घर बैठे स्वादिष्ट व खस्ता गुझिया, मट्टी, नमकपारे आदि खाद्य सामग्रियां तैयार करती हैं।

loksabha election banner

इन महिलाओं ने क्षेत्र के कुछ मिठाई दुकानदारों के साथ खुद को टाइअप कर लिया है। यानि जब भी इन मिठाई दुकानदारों के पास गुझिया, मट्टी, नमकपारे का आर्डर आता है तो वे इन महिलाओं से संपर्क करते हैं। इसके अलावा इन महिलाओं के हाथों का जादू धीरे-धीरे ही सही पर घर-घर में प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है। नतीजा यह है कि शादी-ब्याह की मिठाई के आर्डर भी इन महिलाओं तक अब सीधे पहुंचने लगे है।

विश्व महिला दिवस के अवसर पर इन महिलाओं को पश्चिमी जिला उपायुक्त कार्यालय में स्टाल लगाने का भी अवसर मिला। यहां भी इन्हें काफी प्राेत्साहन मिला। इस उत्साहवर्धन व जोर पकड़ते कारोबार को देखते हुए अब ये महिलाएं अपने काम का विस्तार करने की योजना बना रही है। ग्रूप की नेतृत्वकर्ता रीना चौधरी बताती हैं कि होली अब नजदीक है, ऐसे में किराना दुकानों से लेकर मिठाई दुकानों तक गुझिया की मांग है। ऐसे में उनका काम जोर पकड़ रहा है, पर होली के बाद काम की रफ्तार धीमी न पड़े इसके लिए वे तरह के स्नैक्स तैयार करने की दिशा में विचार कर रही है। विशेषकर ऐसे स्नैक्स जो बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग को पसंद आएं।

गुणवत्ता का पूरा ध्यान

ग्रुप की सदस्य कल्पना चौहान ने बताया कि आजकल ट्रांस फैट व मोटापा के डर के कारण लोग तला-भुना खाने से परहेज करते है। तेल की गुणवत्ता को लेकर भी लोगों में मन में कई तरह के सवाल होते हैं। एक मां होने के नाते हम सभी इस बात को बखूबी समझती हैं, इसलिए हम स्नैक्स तैयार करने के लिए गुणवत्ता युक्त सामग्री का प्रयोग करते है। साथ ही तलने के लिए तेल का बार-बार बिल्कुल प्रयोग नहीं करते है और स्नैक्स ज्यादा तैलीय न लगे इसका भी बखूबी ध्यान रखते है। बाजार में बने रहने के लिए इन तमाम बातों का प्रत्येक सदस्य पूरा ध्यान रखती हैं।

परिवार का मिला सहयोग

ग्रुप की सदस्य गीता ने बताया कि कोरोना महामारी ने हमे आर्थिक रूप से पंगू बना दिया था। ऐसे में समय में परिवार के भरण पोषण के लिए हमे नौकरी की सख्त आवश्यता थी। इस दौरान हम क्षेत्रीय निगम पार्षद के संपर्क में आएं और उनसे हमे काफी मार्गदर्शन मिला। जिसके बाद हमने स्वयं सहायता समूह बनाया और इसमें महिलाओं को जोड़ने का काम शुरू किया। सभी महिलाएं हर माह एक निश्चित रकम देती है, जिससे स्नैक्स को तैयार करने के लिए सामग्री व पैंकिंग के लिए डिब्बों की खरीदारी की जाती है। बिक्री के बाद मुनाफे को सभी महिलाओं में बराबर-बराबर बांट दिया जाता है। गीता बताती हैं कि सभी महिलाओं को उनका परिवार काफी सहयोग करता है, जिससे सभी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होती हैं। प्रशासन की मदद से हमे सरकारी सुविधाओं का भी लाभ मिला है और उससे भी हमारे इरादों व काम को बढ़त मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.