Move to Jagran APP

बल्लभगढ़ पहुंचा शहीद संदीप का पार्थिव शरीर, हजारों लोग लगा रहे भारत माता की जय के नारे

गांव में संदीप का प्रशासनिक स्तर पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। संदीप सिंह के छोटे भाई सोनू ने नम आंखों से बताया कि उनके पिता नयनपाल कृषक है और माता केसर गृहणी हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 02:42 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 05:08 PM (IST)
बल्लभगढ़ पहुंचा शहीद संदीप का पार्थिव शरीर, हजारों लोग लगा रहे भारत माता की जय के नारे
बल्लभगढ़ पहुंचा शहीद संदीप का पार्थिव शरीर, हजारों लोग लगा रहे भारत माता की जय के नारे

बल्लभगढ़, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सर्च अभियान के दौरान आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 12 फरवरी को बेस अस्पताल में भर्ती आदर्श गांव अटाली के रहने वाले घायल संदीप सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए। बल्लभगढ़ के शहीद संदीप का पार्थिव शरीर गाड़ियों के काफिले के साथ गुजर रहा है। हजारों लोगों की उपस्थिति के बीच भारत माता की जय के नारे के बीच रैली उनके घर की ओर रवाना हो रही है। युवा भारत माता की जय , पाकिस्तान मुर्दाबाद और शहीद संदीप अमर रहे के नारे लगा रहे हैं। इससे पहलेे उनके पार्थिव शरीर को बल्लभगढ़ के मुख्य चौराहे पर लाया गया। यहां पर शहीद संदीप के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए  हजारों लोग जमा थे। 

loksabha election banner

यहां पर बता दें कि इस दुखद समाचार के मिलते ही संदीप के माता-पिता, पत्नी और एक बेटा श्रीनगर पहुंच गए थे। गांव में संदीप का प्रशासनिक स्तर पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। संदीप सिंह के छोटे भाई सोनू ने नम आंखों से बताया कि उनके पिता नयनपाल कृषक है और माता केसर गृहणी हैं। वे दो भाई और दो बहन हैं। संदीप सिंह सबसे बड़े थे। उनकी बड़ी बहन उर्मिला की शादी हो चुकी है, जबकि छोटी पूनम अभी एमए ¨हदी की पढ़ाई कर रही हैं। संदीप 2005 में 10 पैरा कमांडों में भर्ती हुए थे।

संदीप सिंह की 8 मार्च 2010 को गांव दयालपुर निवासी गीता के साथ शादी हुई थी। उनकी बड़ी बेटी 8 वर्ष की लवी है और ढाई वर्ष के जुड़वा बेटे रसिक और रक्षित हैं। संदीप और उनके साथी 12 फरवरी को श्रीनगर में सर्च अभियान में जुटे हुए थे। इस दौरान आंतकवादियों के साथ उनकी मुठभेड़ हो गई। उन्होंने आतंकवादी मार गिराए। इस दौरान भाई को चार गोलियां लगी। भाई और उनके साथी गंभीर रूप से घायल हो गए।

सोनू ने बताया कि घायलों को लेने के लिए सेना का वाहन आया तो स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया और वाहन को तीन घंटे तक नहीं निकलने दिया। इससे उनके शरीर से काफी खून बह गया। गंभीर अवस्था में उन्हें श्रीनगर के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर वे वेंटीलेटर पर थे। संदीप के घायल होने के बारे में तब ही संदेश आ चुका था, लेकिन पुलवामा आंतकी हमले की वजह से सेना के अधिकारियों ने परिजनों को श्रीनगर आने की इजाजत नहीं दी। रविवार को आने की अनुमति मिली।

मंगलवार दोपहर को डेढ़ बजे संदेश आया है कि भाई देश पर शहीद हो गए हैं। शहीद होने की खबर सुनकर आसपास के गांवों, राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.