Special Report : प्रदूषण की रिपोर्ट के बाद से साइबर सिटी पर मंडरा रहा नया खतरा
साइबर सिटी को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर वाला तमगा मिलने से यहां के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) जगत में भारी चिंता है।
गुरुग्राम [यशलोक सिंह]। ग्रीनपीस की सर्वे रिपोर्ट में साइबर सिटी को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है, जिसके बाद यहां के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) जगत के लोग चिंतित हैं। उद्यमियों का कहना है कि वायु प्रदूषण विदेशी निवेश और औद्योगिक विस्तार में तेजी से बाधा बनता जा रहा है। इसको नियंत्रित नहीं किया गया तो भविष्य में यह संकट और भी गहरा सकता है।
दम घोंटू बन चुका है वायु प्रदूषण
आइटी एवं मल्टीनेशनल कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि गुरुग्राम में कई प्रकार की समस्याएं हैं मगर वायु प्रदूषण तो अब दम घोटने का काम करने लगा है। यह आइटी एवं उद्योग के क्षेत्र में निवेश को हतोत्साहित कर रहा है। पिछले एक दशक से यहां विदेशी निवेश का ग्राफ नहीं बढ़ रहा है।
नहीं बढ़ रहा विदेशी निवेश का ग्राफ
ऐसा ही रहा तो मौजूदा कंपनियां भी विकल्प तलाशने को मजबूर होंगी। गुरुग्राम में 400 से आधिक आइटी-आइटीइएस एवं 1200 से अधिक बीपीओ-कॉल सेंटर हैं। इनमें देश ही नहीं दुनिया भर के कई देशों के लोग कार्यरत हैं। जो पर्यावरण के प्रति काफी संवेदनशील हैं। आइटी कंपनी में अधिकारी जयंत का कहना है कि इस समय कंपनी में अलर्ट की स्थिति है।
रिपोर्ट आने के बाद से परेशान हैं मल्टीनेशनल कंपनियां
अमेरिकी संगठन ग्रीनपीस द्वारा सबसे प्रदूषित शहरों की जो सूची जारी की गई है उससे विभिन्न मल्टीनेशनल और आइटी कंपनियों में काम करने वाले परेशान हैं। वायु प्रदूषण को लेकर गुरुग्राम लगातार वैश्विक स्तर पर बदनाम हो रहा है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद कारोबार और निवेश के मकसद से विदेशी विजिटरों की संख्या तेजी से घटेगी।
हर स्तर पर करनी होगी तैयारी
आइटी कंपनी नगारो के सीईओ मानस फुलोरिया का कहना है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार से लेकर आमजन तक को अपनी जिम्मेदारी बड़ी सजगता से निभानी होगी। इस वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 45 फीसद से भी अधिक है। इसके बाद नंबर कंस्ट्रक्शन का आता है। औद्योगिक विकास, विस्तार एवं निवेश की राह में वायु प्रदूषण बड़ी बाधा बन गया है।
बढ़ाना होगा हरियाली क्षेत्र
इसकी सबसे बड़ी वजह डीजल ऑटो, हरियाली उजड़ना, अरावली में अतिक्रमण व सड़कों पर वाहनों का बढ़ता बोझ है। कई परेशानियों से जूझ रहे उद्योगों और आइटी क्षेत्र के लिए वायु प्रदूषण अब अभिशाप सा बन गया है। इसका असर बड़ा ही नकारात्मक हो रहा है।
प्रदीप यादव, प्रेसिडेंट हाइटेक इंडिया
ठोस कारण तलाशने की जरूरत
वायु प्रदूषण से संबंधित जो रिपोर्ट अभी जारी हुई है वह परेशान करने वाली है। गुरुग्राम की इंडस्ट्री इस मामले में काफी सजग हैं। इसके ठोस कारणों को तलाशने की जरूरत है। ऐसा होगा तो ही स्थिति बेहतर होगी। हरियाली को बढ़ाने की जरूरत है। वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर औद्योगिक निवेश और विकास पर भारी पड़ रहा है।
एसके आहूजा, महासचिव, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री