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IGI एयरपोर्ट के नाम होने जा रहा यह रिकार्ड, देश में अब तक किसी के पास नहीं है यह उपलब्‍धि

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने यात्री वाहन और कार्गो वाहन के लिए अलग- अलग सड़क बनाने की योजना बनाई है। यह उपलब्‍धि अभी तक किसी एयरपोर्ट के पास नहीं है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 02:47 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 02:47 PM (IST)
IGI एयरपोर्ट के नाम होने जा रहा यह रिकार्ड, देश में अब तक किसी के पास नहीं है यह उपलब्‍धि
IGI एयरपोर्ट के नाम होने जा रहा यह रिकार्ड, देश में अब तक किसी के पास नहीं है यह उपलब्‍धि

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Indira Gandhi International Airport आइजीआइ एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर विस्तार कार्य पूरा होने के बाद इसकी यात्री क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यात्रियों का दबाव बढ़ने के मद्देनजर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने यात्री वाहन और कार्गो वाहन के लिए अलग- अलग सड़क बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए आइजीआइ के कार्गो टर्मिनल से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 तक तीन किलोमीटर लंबी चार लेन वाली विशेष रोड का निर्माण कराया जाएगा।

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जीएमआर ग्रुप के उप प्रबंध निदेशक आइ प्रभाकर राव ने कहा है कि एक ही सड़क पर अलग -अलग तरह के वाहन चलने का असर यातायात पर पड़ता है। लिहाजा एयरपोर्ट पर अलग से एयर कार्गो वाहनों के लिए रोड बनाने की योजना बनाई गई है।

इससे एयरपोर्ट के सेंट्रल स्पाइन रोड पर ट्रैफिक मूवमेंट काफी हद तक कम हो जाएगा। ऐसी योजना बनाने वाला आइजीआइ देश का पहला एयरपोर्ट है। यही नहीं इसके अलावा टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 के बीच यात्रा के समय को कम करने के लिए एयरोसिटी मेट्रो स्टेशन जंक्शन पर भी एक एलिवेटेड रोड का निर्माण कराया जाएगा। यह सड़क मेट्रो स्टेशन को सेंट्रल स्पाइन रोड से जोड़ेगी और फिर मेहरम नगर अंडरपास की ओर 90 डिग्री मोड़ लेगी। यह रोड सिग्नल फ्री होगा और दोनों टर्मिनल के बीच यात्रा समय को काफी कम कर देगा।

वहीं, यातायात दबाव से निपटने के लिए केंद्रीय स्पाइन रोड को आठ लेन से बढ़ाकर 12 लेन का किया जाएगा। इसके अलावा रेडिसन रोड के एक हिस्से में एक किलोमीटर लंबे अंडरपास का निर्माण कराया जाएगा। गत दिनों स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर द्वारा हवाई अड्डों के लिए सुलभ यातायात के लिए वर्ष 2017 के लिए एक अध्ययन किया गया था। इसके मुताबिक अन्य शहरों के एयरपोर्ट की तुलना में आइजीआइ एयरपोर्ट तक पहुंचना ज्यादा कठिन था। यह सर्वे 60 एयरपोर्ट पर किया गया था। इसमें आइजीआइ का स्थान सबसे निचले पायदान पर था।

यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ ही आइजीआइ पर आने वाले वर्षो में उड़ानों की संख्या में खासी वृद्धि होगी। मास्टर प्लान में उड़ानों की संख्या बढ़ने के मद्देनजर अलग-अलग व्यवस्था की गई है। एयरपोर्ट पर जहां एलिवेटेड टैक्सी-वे के निर्माण की योजना बनाई गई है।

वहीं, एयरपोर्ट पर विमानों के खड़े होने के लिए 27 अतिरिक्त पार्किग स्टेंड की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में यहां 55 पार्किग स्टेंड हैं। इससे उड़ान के समय में कमी आएगी। एलिवेटेड इस्टर्न क्रास टैक्सी-वे प्रमुख रनवे 29-11 व रनवे 28-10 को जोड़ेगा। इसके निर्माण से विमान एक रनवे से दूसरे रनवे पर जाने के लिए कई किलोमीटर घूमने से बच जाएंगे।

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