स्पाइस जेट और इंडिगो एयरलाइंस के यात्रियों के लिए अहम खबर, यहां लीजिए नई जानकारी
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 से संचालित स्पाइस जेट की सभी उड़ानें व इंडिगो एयरलाइंस की कुछ उड़ानें अब चार सितंबर 2019 की रात 12 बजे से टर्मिनल-3 से उड़ान भरेंगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर टर्मिनल-2 से संचालित स्पाइस जेट की सभी उड़ानें व इंडिगो एयरलाइंस की कुछ उड़ानें अब चार सितंबर 2019 की रात 12 बजे से टर्मिनल-3 से उड़ान भरेंगी। हालांकि टर्मिनल-1 की तमाम उड़ानें और टर्मिनल-2 से संचालित गो एयर एयरलाइंस की सभी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। स्पाइस जेट की आठ हजार की सीरीज और इंडिगो की पांच हजार सीरीज की तमाम उड़ानें टर्मिनल-3 में स्थानांतरित की गई हैं।
टर्मिनल-2 के विस्तार कार्य के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने उड़ानों में बदलाव का निर्णय लिया है। इसके लिए टर्मिनल-3 जाने वाले रास्ते पर प्रमुख जगहों पर इस संबंध में अलग-अलग भाषाओं में सूचना देने के साथ ही टर्मिनल-2 और टर्मिनल-3 पर जानकारी देने के लिए कर्मियों की तैनाती की जाएगी। वहीं, सभी एयरलाइंस में भी इस बदलाव के मद्देनजर पैंफ्लेट इत्यादि वितरित किए जाएंगे।
इस दौरान एयरपोर्ट पर मौजूद टीवी स्क्रीन पर भी लोगों को सारी जानकारी मिलती रहेगी। चार सितंबर की रात से होने वाले इस बदलाव से टर्मिनल-2 पर यात्रियों का दबाव करीब 27 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। वर्तमान में गो एयर सहित स्पाइस जेट और इंडिगो की केवल कुछ घरेलू उड़ानें टर्मिनल-2 से उड़ान भरती हैं।
वहीं, कुछ उड़ानों का संचालन टर्मिनल-1 से भी होता है, जबकि एयर इंडिया, विस्तारा व एयर एशिया की सभी घरेलू उड़ानें टर्मिनल-3 से उड़ान भरती हैं। अक्टूबर 2017 से टर्मिनल-1 का विस्तार का काम शुरू किया गया था। इसके कारण तीन प्रमुख घरेलू एयरलाइंस की उड़ानों को टर्मिनल-2 में स्थानांतरित किया गया था।
अब टर्मिनल-2 में विस्तार कार्य के कारण वहां से कुछ उड़ानों को टर्मिनल-3 में स्थानांतरित किया जा रहा है। दरअसल जून 2022 तक आइजीआइ एयरपोर्ट से प्रतिवर्ष दस करोड़ यात्री के सफर करने का अनुमान है। इसके मद्देनजर टर्मिनल-1 व टर्मिनल-2 पर विस्तार कार्य कराए जा रहे हैं। टर्मिनल-1 के नए भवन में फेशियल रिकॉग्निशन कैमरा, ऑटोमेटिक बैगेज ट्रे, सेल्फ ड्रॉप सिस्टम तकनीक लगाई जा रही।