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Indian Railway News: पूरे देश में रेलवे करने जा रहा एक बड़ा बदलाव, जानकर आप भी कहेंगे वाह

वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे विश्व की पहली प्रदूषण रहित रेल बन जाएगी। यह जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 तक सभी ट्रेनें डीजल मुक्त हो जाएगी जिसके कारण दिल्ली सहित पूरे देश को वायु प्रदूषण से राहत मिलेगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 09:29 AM (IST)
Indian Railway News: पूरे देश में रेलवे करने जा रहा एक बड़ा बदलाव, जानकर आप भी कहेंगे वाह
वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे विश्व की पहली प्रदूषण रहित रेल बन जाएगी।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। केंद्रीय बजट में अगले तीन वर्षों में देश की सभी रेलवे लाइन को विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे विश्व की पहली प्रदूषण रहित रेल बन जाएगी। यह जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 तक सभी ट्रेनें डीजल मुक्त हो जाएगी जिसके कारण दिल्ली सहित पूरे देश को वायु प्रदूषण से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले रेलवे में प्रति वर्ष 40-45 हजार करोड़ का निवेश होता था।

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इस वर्ष वित्त मंत्री ने रेलवे में 2 लाख 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। इसी तरह से हाईवे के विस्तार के लिए बड़ी राशि खर्च होगी। रेल और सड़क में निवेश से विकास में तेजी आएगी। वह दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भूमि नहीं मिलने और कोरोना की वजह से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में देरी हुई है। गुजरात में 90 फीसद भूमि अधिग्रहण हो चुका है और वहां काम के लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। दूसरी ओर महाराष्ट्र में मात्र 30 फीसद भूमि अधिग्रहण हुआ है। आने वाले समय में देश के सात अन्य रूट पर हाई स्पीड और सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है।

इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि मनमोहन  सिंह सरकार के समय में 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होता था। अब एक लाख मेगावाट का उत्पादन होता है। वर्ष 2022 तक 1.75 लाख मेगावाट और वर्ष 2030 तक 4.50 लाख मेगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य है।

रेलवे का भी इसमें योगदान होगा और वर्ष 2030 तक 100 फीसद अक्षय ऊर्जा से रेल चलाने का लक्ष्य है। अगले 10 वर्षों में देश में पूरी तरह से बिजली आधारित दो-पहिया और चार पहिया वाहनों का उत्पादन शुरू करने की तैयारी है। 


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