Indian Railway: पश्चिम व दक्षिण भारत में जा रहे हैं तो पढ़ लें ये खबर, रद रहेंगी 124 ट्रेनें
Indian Railway 30 अगस्त से 11 सितंबर के बीच यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान 124 ट्रेनें रद रहेंगी तो कई ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। Indian Railway: बल्लभगढ़ से पलवल के बीच चौथी रेल लाइन का काम लगभग पूरा हो गया है। अब इसे अन्य तीन रेल लाइनों को जोड़ने का काम किया जाना है, इस वजह से 30 अगस्त से 11 सितंबर के बीच यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान 124 ट्रेनें रद रहेंगी तो कई ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है। इस दौरान यदि आप मुंबई या पश्चिम व दक्षिण भारत के किसी शहर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो घर से निकलने के पहले अपनी ट्रेन के बारे में जानकारी हासिल कर लें। संभव है कि जिस ट्रेन में आप सफर करने की तैयारी कर रहे हैं वह उस दिन रद हो।
तुगलकाबाद से पलवल तक ट्रेनों की आवजाही बेहतर करने के लिए वर्ष 2006 में चौथी लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ था जो कि 13 वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका है। अधिकारियों का कहना है कि जमीन विवाद व अन्य कारणों से यह काम बाधित होता रहा है और अलग-अलग चरणों में इसे पूरा किया जा रहा है। इस रेलखंड पर बल्लभगढ़ से पलवल के बीच चौथी लाइन बिछाने का कार्य भी पूरा हो गया है। अब इसे अन्य लाइनों के साथ जोड़ा जाना है।
अगले महीने चौथी लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही होने की उम्मीद
रेल लाइनों को इलेक्ट्रानिक सिग्नल के जरिये इस तरह से जोड़ा जाता है कि उससे बिना किसी बाधा के सुरक्षित तरीके से रेल का परिचालन हो सके। इस प्रक्रिया को नॉन इंटरलॉकिंग कहते हैं। अधिकारियों का कहना है कि नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा होने के बाद अगले माह से बल्लभगढ़ से पलवल के बीच चौथी लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही होने की उम्मीद है। तुगलकाबाद स्टेशन से तुगलकाबाद जंक्शन केबिन तक भी चौथी लाइन का काम हो चुका है। जबकि तुगलकाबाद केबिन के आगे से फरीदाबाद तक और बल्लभगढ़ से न्यू टाउन फरीदाबाद के बीच काम बचा हुआ है।
चौथी लाइन का काम पूरा होने के बाद दूर होगी यात्रियों की परेशानी
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि चौथी लाइन का काम पूरा होने के बाद नई दिल्ली से पलवल के बीच रेल परिचालन की स्थिति बेहतर होगी। पलवल से तुगलकाबाद तक तीन लाइन होने से कई बार ट्रेनों को समय पर चलाने में दिक्कत होती है, चौथी लाइन शुरू होने से इससे राहत मिलेगी। सबसे ज्यादा लाभ लोकल यात्रियों को होगा। अभी लंबी दूरी की ट्रेनों को निकालने के लिए लोकल ट्रेनों को किसी स्टेशन पर खड़ा कर दिया जाता है।
48 लोकल ट्रेनें भी रहेंगी रद
लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ ही लोकल ट्रेनें भी रद रहेंगी। बल्लभगढ़ से होकर गुजरने वाली अधिकांश लोकल ट्रेनें भी रद करने की घोषणा की गई है, जिससे मथुरा, पलवल, फरीदाबाद से दिल्ली व गाजियाबाद के बीच सफर करने वाले दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सबसे ज्यादा परेशानी दो सितंबर से आठ सितंबर के बीच होगी, क्योंकि इन्हीं दिनों ज्यादा ट्रेनें रद रहेंगी।
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राजधानी एक्सप्रेस के भी मार्ग में बदलाव
लंबी दूरी की एक्सप्रेस व लोकल ट्रेनों के साथ ही राजधानी जैसी वीआइपी ट्रेनें भी प्रभावित होंगी। तिरुअनंतपुरम राजधानी, मडगांव राजधानी, बिलासपुर राजधानी, मुंबई राजधानी एक्सप्रेस को मथुरा, अलवर, रेवाड़ी के रास्ते चलाने का फैसला किया गया है। लंबी दूरी की कई अन्य ट्रेनों के मार्ग में भी बदलाव किया गया है।