ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा, दवा आने तक एहतियात जरूरी
बेपरवाह होते लोगों को यह याद रखना होगा कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस का असर कम होने के बाद यह फिर से लौट आया है। दूसरे देशों से सीख लेते हुए हम नहीं चाहेंगे कि हमारे देश में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ जाएं।
चंदन कुमार चौधरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना महामारी को लेकर लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी और कहा कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। प्रधानमंत्री की यह अपील ऐसे समय में सामने आई है जब देश में कोरोना से संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है और लॉकडाउन समाप्त हो गया है।
देश में व्यापारिक गतिविधियां एक बार फिर से पटरी पर लौटने लगी हैं और जनजीवन सामान्य होने लगा है। सामाजिक चहल-पहल शुरू हो गई है और कार्यालयों में भी कामकाज शुरू हो गया है। साथ ही देश में त्योहार का मौसम भी आ गया है, जिसके कारण लोग बड़े पैमाने पर घरों से बाहर निकलने लगे हैं। सड़कों पर भीड़ बढ़ने लगी है। ऐसे में लोग बेपरवाह होते जा रहे हैं और कोरोना वायरस से बचने के लिए पर्याप्त सावधानी नहीं बरत रहे हैं।
हाल के दिनों में देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में गिरावट आने के कारण लोगों को लग रहा है कि अब इस महामारी का संकट टल गया है। ऐसे में लोग लापरवाही बरतने लगे हैं जिससे खतरा बढ़ने की आशंका है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि इससे बचने के लिए अभी तक कोई कारगर दवाई भी सामने नहीं आई है। साथ ही ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे पर्याप्त एहतियात बरतें, क्योंकि यही एकमात्र उपाय है, जिसके सहारे नागरिकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा भी है कि अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं तो अपने आप को, अपने परिवार को, अपने बच्चों को, बुजुर्गो को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं। ऐसे में क्या कोई भी समझदार आदमी बेपरवाह होकर लापरवाही करेगा, जिसके कारण वह खुद और उसके परिवार के सदस्य खतरे में पड़ सकते हों? कोरोना वायरस ने हमारे जीवन को बहुत हद तक बदल दिया है। इसने कई चीजों के अलावा लोगों के जीवनशैली को प्रभावित किया है और हमारी आदतों को बदल दिया है। लोग पिछले सात-आठ महीने से काफी एहतियात बरतते आ रहे हैं। ऐसे में लोगों का ऊब जाना स्वाभाविक है।
हालांकि बेपरवाह होते लोगों को यह याद रखना होगा कि अमेरिका, ब्राजील और यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस का असर कम होने के बाद यह फिर से लौट आया है। दूसरे देशों से सीख लेते हुए हम नहीं चाहेंगे कि हमारे देश में भी लापरवाही के कारण कोरोना से होने वाले संक्रमण के मामले बढ़ जाएं। ऐसे में हमें तब तक निश्चिंत नहीं होना है जब तक वैक्सीन या दवा न आ जाए। साथ ही ‘दो गज दूरी, मास्क है जरूरी’ और ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ नियम का ठीक से पालन किया जाए तो हम निश्चित रूप से कोरोना वायरस को हरा देंगे।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो