तथाकथित देश-विरोधी नारों के 2 साल बाद फिर चर्चा में JNU, अब मेस में दाम बढ़ने से भड़के छात्र
नोटिफिकेशन के मुताबिक, मेस एडवांस राशि को 2700 से बढ़ाकर को 4500 रुपये कर दिया गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की नामी यूनिवर्सिटी में शुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने मेस में खाने के दामों में दोगुने से भी अधिक का इजाफा किया है। कई चीजों के दामों में तो 10 गुना तक का इजाफा हुआ है। ऐसे में प्रशासन के इस फैसले ने छात्रों को नाराज कर दिया है। जानकारी सामने आ रही है कि मेस चार्ज में बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र-छात्राएं मंगलवार को डीन ऑफ स्टूडेंट्स के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर सकते हैं। बता दें कि दो वर्ष पहले 9 फरवरी, 2016 को अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में तथाकथित देश विरोधी नारे लगे थे।
दामों में इजाफे के खिलाफ छात्रों में एकजुटता दिखाई दे रही है। यही वजह है कि जेएनयू के सभी छात्र संगठन दामों में इजाफे को गलत बता रहे हैं और प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी संगठन (ABVP) के अलावा, लेफ्ट के सभी धड़ों ने विरोध का सुर तेज करने का एलान किया है।
बता दें कि दामों में इजाफा करने के बाबत बाकायदा JNU में मेस संबंधी कई चार्ज बढ़ाने का नोटिफिकेशन भी जारी हुआ है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, कई चार्ज में 100 फीसद से लेकर 1900 फीसद तक का इजाफा किया गया है।
हालांकि, यह इजाफा पिछले महीने ही किया गया था, लेकिन होली त्योहार के बाद छुट्टी से लौटे छात्रों ने अब गुस्सा जाहिर किया है। जानकारी के मुताबिक, 27 फरवरी को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, मेस एडवांस राशि को 2700 से बढ़ाकर को 4500 रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा, प्रति सेमेस्टर लगने वाले इस्टेब्लिशमेंट चार्ज 1100 रुपये कर दिया गया है, जो पहले में 550 से था। वहीं, न्यूजपेपर के लिए अब छात्र-छात्राओं को 15 रुपये की जगह 50 रुपये देने होंगे।
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, स्टूडेंट डीन ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया। नोटिफिकेशन में यह चार्ज 1 जनवरी 2018 से लागू होंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले JNU प्रशासन ने सभी विद्यार्थियों के लिए 75 फीसद उपस्थिति करने के फैसले पर भी विवाद हुआ था। इस दौरान पुलिस तक को दखल देना पड़ा था। अब यह विवाद छात्रों की पढ़ाई भी बाधित करेगा। अगले कुछ महीनों के दौरान विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव भी है, ऐसे में संगठन इस बढ़ोतरी के विरोध में अपना राजनीतिक मुद्दा भी तलाश रहे हैं।