INA सैनिकों को गणतंत्र दिवस परेड में किया जाए शामिल, जानें- किसने पीएम को लिखा पत्र
देश के युवाओं को नेताजी के विचारों को अपनाने की जरूरत है और यह तभी संभव होगा, जब आइएनए के सैंनिकों को देश के सामने लाएंगे।
गुरुग्राम [अनिल भारद्वाज]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूर्व फौजी अफसर ने मांग की है कि 2019 गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ परेड में आइएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) के सैनिक रहे जवानों को शामिल किया जाए। यह उनके लिए देश की तरफ से बड़ा सम्मान होगा।
नेताजी के विचारों को अपनाने की जरूरत
मेजर जनरल (रिटा.) डॉ. जीडी बख्शी ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि आज देश में 25 से 30 बुजुर्ग लोग हैं, जो आइएनए के पूर्व सैनिक हैं। उन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्हें सम्मान देने के लिए इस बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल कर देश के युवाओं को बताया जाना चाहिए कि यह वो लोग हैं, जो देश के लिए जेलों में रहे और अंग्रेजों द्वारा दी गई यातनाएं सहन की हैं। आज देश के युवाओं को नेताजी के विचारों को अपनाने की जरूरत है और यह तभी संभव होगा, जब आइएनए के सैंनिकों को देश के सामने लाएंगे।
आइएनए के सैनिक शामिल होंगे
बख्शी ने कहा कि पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर आइएनए की 75 वीं वर्षगांठ मनाकर नेताजी के साथ जुड़े आइएनए के 60 हजार से ज्यादा सैनिकों को मरणोपरांत सम्मान दिया। अब उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार राजपथ परेड पर आइएनए के सैनिक शामिल होंगे।
नेताजी की मूर्ति हो स्थापित
डॉ. बख्शी ने प्रधानमंत्री के सामने मांग रखते हुए कहा कि राष्ट्रपति भवन के सामने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति स्थापित की जाए। पत्र में कहा गया है कि आजादी से पहले राष्ट्रपति भवन के सामने जहां पर किंग जॉर्ज की मूर्ति थी और आजादी के बाद किंग जॉर्ज की मूर्ति हटाई गई थी। वो स्थान आज खाली है और वहां पर नेताजी की मूर्ति स्थापित की जाए। नेताजी ने देश के लिए जीवन दिया है और देश की राजधानी में राजपथ पर उनकी बड़ी मूर्ति होनी चाहिए थी लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी नेताजी की मूर्ति स्थापित नहीं की गई।