दुष्कर्म के 90 फीसद मामलों में आरोपी होते हैं जानकार, दब जाते हैं कई मामले
दुष्कर्म के आरोपियों मे सबसे ज्यादा नजदीकी रिश्तेदार और पड़ोसी होते हैं। वहीं, कुल मामलों में 90 फीसद आरोपी पीड़िता के जानकार होते हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। राजधानी में नाबालिग से दुष्कर्म की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली में हर महीने नाबालिग से दुष्कर्म के औसतन सात मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। नब्बे फीसद मामलों में आरोपी पीड़ित के जानकार होते हैं। कामकाजी दंपती की बच्चियां ज्यादातर शिकार होती हैं।
ज्यादातर आरोपी पीड़ित के जानकार
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सामाजिक और आर्थिक असमानता इसके प्रमुख कारण हैं। लोगों में नैतिक मूल्यों की कमी और सामाजिक बिखराव भी वजह है। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में वर्ष 2016 में एक सर्वे कराया था। इसमें सामने आया था कि 84 फीसद मामलों में झुग्गी इलाके में या पीड़िता के घर में ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। ज्यादातर आरोपी पीड़ित के जानकार थे।
अकेले पाकर आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया
39 फीसद मामलों में नाबालिग के दोस्तों ने वारदात को अंजाम दिया था। यह भी सामने आया था कि जो नाबालिग दुष्कर्म का शिकार हुई उनके माता और पिता दोनों कामकाजी थे। उन्होंने बच्चों के देखरेख की जिम्मेदारी परिजनों या पड़ोसियों को सौंपी थी। पीड़िता को अकेले पाकर आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया।
90 फीसद आरोपी जानकार
समाज में बदनामी और जागरूकता के अभाव में भी मामलों की शिकायत पुलिस में नहीं की जाती है। पुलिस का दावा है कि पॉक्सो एक्ट (नाबालिग के खिलाफ दुष्कर्म किए जाने पर लगाई जाने वाली विशेष धारा) के तहत मुकदमा दर्ज कर अधिकतम 24 घंटे में आरोपित को दबोच लिया जाता है। दुष्कर्म के आरोपियों मे सबसे ज्यादा नजदीकी रिश्तेदार और पड़ोसी होते हैं। वहीं, कुल मामलों में 90 फीसद आरोपी पीड़िता के जानकार होते हैं।
प्रलोभन या भय भी दिखाया गया
कई मामलों में तो शिक्षक और परिवार के बड़े सदस्य द्वारा वारदात को अंजाम देने की बात सामने आई। पीड़िता को प्रलोभन या भय दिखाकर घटना को सार्वजनिक करने से रोका गया। दिल्ली में नाबालिग के अलावा बालिग व महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं की प्रकृति भी लगभग समान है।
70 वर्ष के मौलाना ने आठ वर्षीय बच्ची से किया दुष्कर्म
गौरतलब है कि शनिवार शाम नरेला की बवाना जेजे कॉलोनी में 70 वर्ष के मौलाना ने आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म किया था। उसने यह बात किसी को बताने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी थी। डर के कारण बच्ची ने परिजनों को वारदात की जानकारी नहीं दी। तबीयत बिगड़ने पर जब उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया तो उसके साथ दुष्कर्म की बात सामने आई।
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महिलाओं से दुष्कर्म के आरोपियों का फीसद
दोस्त व परिवार के सदस्य-38.99
पड़ोसी-19.08
परिजन-14.20
नियोक्ता और सहकर्मी- 3.86
अन्य जानकार-20.50
अंजान व्यक्ति-3.37
महिलाओं के खिलाफ अपराध वर्ष-2016-2017
दुष्कर्म-2064--2049
शारीरिक छेड़छाड़-4035--3273
छेड़छाड़-894--621