FASTag: वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर, नहीं है फास्टैग तो फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं मिलेगा
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नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दिल्ली में 13 टोल नाकों से व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश के लिए जरूरी रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) यानि फास्टैग अब फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए भी अनिवार्य होगा। यानी उन्ही व्यावसायिक वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिलेगा जिस पर आरएफआइडी टैग लगा होगा। बीते दिनों ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) के साथ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली परिवहन विभाग की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। इसके बाद जल्द ही यह नियम लागू हो जाएगा और व्यावसायिक वाहनों को आरएफआइडी टैग होने की स्थिति में ही फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
किसी भी नए या पुराने व्यावसायिक वाहन को हर दो वर्ष में परिवहन विभाग से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है। गत 25 अगस्त से दिल्ली में आरएफआइडी टैग की व्यवस्था लागू हो गई है। इसके तहत दिल्ली में 13 टोल नाकों से व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर टैग से प्रवेश अनिवार्य है। ऐसा न होने की स्थिति में दोगुना टैक्स और पर्यावरण क्षतिपूर्ति टैक्स भी दोगुना देना होता है, लेकिन बड़ी संख्या व्यावसायिक वाहनों की ऐसी है कि जो बिना आरएफआइडी टैग के ही दिल्ली में व्यावसायिक वाहन चला रहे हैं। ऐसे लोगों को टैग व्यवस्था के दायरे में लाने को सभी ऐजेंसियां फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आरएफआइडी टैग की व्यवस्था को लागू कर रही हैं।
लागू नहीं हुई अन्य टोल नाकों पर डिवाइस देने की व्यवस्था
भले ही निगम ने 13 टोल नाकों पर आरएफआइडी टैग की व्यवस्था लागू कर दी हो, लेकिन 101 टोल नाकों पर डिवाइस देने का अभी इंतजाम नहीं है। ईपीसीए ने इसकी पूरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दे दी है। संभवत: जल्द इस पर फैसला हो जाएगा। अन्य टोल नाकों पर टैग के लिए स्कैन मशीन न होने से व्यावसायिक वाहनों के चालक भी टैग लेने से कतराते हैं। दिल्ली में प्रवेश के लिए 126 टोल नाके हैं। जिन 13 टोल नाकों पर आरएफआइडी डिवाइस लगाए गए हैं वहां से करीब 80 फीसद वाहनों का प्रवेश दिल्ली में होता है। अभी तक 1.93 लाख कार, जीप व 22 हजार बसों के अलावा तीन लाख वाहनों ने आरएफआइडी टैग ले लिया है।