सिख नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या में मिले अहम सुराग, तीन राज्यों में पुलिस की छापेमारी
नेशनल कान्फ्रेंस के जम्मू से सिख नेता व पूर्व विधान पार्षद त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या की अबतक की जांच में पता चला है कि साजिश अगस्त के अंतिम सप्ताह में जम्मू कश्मीर में ही रची गई थी।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। नेशनल कान्फ्रेंस के जम्मू से सिख नेता व पूर्व विधान पार्षद त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या की अबतक की जांच में पता चला है कि साजिश अगस्त के अंतिम सप्ताह में जम्मू कश्मीर में ही रची गई थी। तभी वारदात से पहले एक सितंबर को मुख्य संदिग्ध हरमीत सिंह जम्मू से दिल्ली आ गया था और 2 सितंबर की रात उसने हरप्रीत सिंह खालसा के साथ मिलकर त्रिलोचन सिंह की हत्या कर दी।
क्राइम ब्रांच फिलहाल इन दोनों को मुख्य संदिग्ध मानकर इन्हें दबोचने के लिए दिल्ली, लुधियाना व जम्मू कश्मीर में हर संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि दोनों संदिग्ध फरार हैं और आठ सितंबर से इनके फोन बंद हैं। हरप्रीत सिंह मूलरूप से लुधियाना पंजाब का रहने वाला है। जनवरी से वह बसईदारापुर में किराए पर घर लेकर रह रहा था। पुलिस का कहना हरप्रीत ने साड्डा हक नाम से अखबार का रकाबगंज के एक पते पर पंजीकरण करा रखा है। अखबार छपता है या नहीं इस बारे में पता लगाया जा रहा है।
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि उसने कई लोगों से लोन भी ले रखा है और कई तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त है। हरप्रीत सिंह की पत्नी व बच्चे दो साल से जम्मू में रहते हैं। पुलिस का कहना है कि त्रिलोचन सिंह वजीर से हरप्रीत की जान पहचान वैसे तो कई सालों से है, लेकिन पिछले दो सालों से इनके बीच नजदीकी बढ़ गई थी। नजदीकी के कारणों का भी फिलहाल पुलिस को पता लगाना है।
कुछ दिन पहले ही आया हरमीत
हरमीत सिंह, जम्मू कश्मीर का रहने वाला है। एक सितंबर को वह जम्मू से दिल्ली हरप्रीत सिंह के घर आ गया था। त्रिलोचन सिंह जम्मू कश्मीर में पांच साल से अधिक समय तक सिख समुदाय की प्रमुख संवैधानिक इकाई जम्मू कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान रहे हैं। वे ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रधान थे। पुलिस त्रिलोचन सिंह के स्वजन से पूछताछ के आधार पर सभी पहलुओं को देखते हुए जांच कर रही है।
सिर के पीछे किया गया वार
त्रिलोचन सिंह के सिर पर पीछे की तरफ भारी वस्तु से वार कर उनकी हत्या की गई है। पोस्टमार्टम के लिए लेडी हार्डिग अस्पताल में तीन डाक्टरों के बोर्ड का गठन किया था। शव स्वजन को सौंप दिया गया है।