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अवैध निर्माण ने ले ली दिल्ली पुलिस के एएसआइ की जान, 100 साल पुरानी थी बिल्डिंग

एसडीएम को देने के लिए पुलिसकर्मी निर्माण स्थल का फोटो खींचने लगे। इसी दौरान अवैध निर्माण की दीवार ढह गई।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 11:26 PM (IST)
अवैध निर्माण ने ले ली दिल्ली पुलिस के एएसआइ की जान, 100 साल पुरानी थी बिल्डिंग
अवैध निर्माण ने ले ली दिल्ली पुलिस के एएसआइ की जान, 100 साल पुरानी थी बिल्डिंग

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। बाड़ा हिंदूराव थाना क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण ने दिल्ली पुलिस के एएसआइ जाकिर हुसैन की जान ले ली। दीवार गिरने से तीसरी मंजिल से एएसआइ बिल्डिंग के नीचे गिर पड़े। जबकि ढही छत की चपेट में आकर कांस्टेबल दूसरी मंजिल पर गिर गए। दोनों किराएदारों का सत्यापन करने वहां गए थे। तभी अवैध निर्माण होता देख वे उस स्थल का फोटो लेने लगे। तभी हदासा हो गया। घटना के बाद गंभीर हालत में घायल पुलिसकर्मियों को अरुणा आसफ अली अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डाक्टरों ने एएसआई को मृत घोषित कर दिया। जबकि घायल सिपाही देबू सिंह का इलाज चल रहा है।

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उधर घटना के बाद से ही संपत्ति मालिक और ठेकादार फरार है। बाड़ा हिंदूराव थाना पुलिस ने लापरवाही से मौत का मुकदमा दर्ज कर दोनों की तलाश शुरू कर दी है। इस घटना ने करीब 100 वर्ष पुरानी बिल्डिंग में निर्माण कराए जाने पर स्थानीय एजेंसी नगर निगम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस फिलहाल मामले की छानबीन कर रही है।

उत्तरी जिला की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि जिला पुलिस स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा के मद्देनजर बड़े स्तर पर किराएदार और नौकरों का पुलिस सत्यापन अभियान चला रही है। तमाम थाना पुलिस को मकान में रह रहे लोगों के सत्यापन का निर्देश दिया गया है। इसी के तहत कर बुधवार की सुबह करीब 10.20 बजे बाड़ा हिंदूराव थाने के कर्मी एएसआई जाकिर हुसैन और सिपाही देबू सिंह राम बाग रोड स्थित गुप्ता बिल्डिंग में सत्यापन करने पहुंचे थे।

करीब पांच हजार गज में तीन मंजिला बनी यह बिल्डिंग करीब 100 वर्ष पुरानी है। वर्तमान में जर्जर बिल्डिंग के अलग-अलग हिस्से में खिलौनों के गोदाम और फैक्ट्री इत्यादि चल रही हैं। सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी भी वहां रहते हैं। सत्यापन करने पहुंचे जाकिर हुसैन और सिपाही देबू सिंह ने देखा कि बिल्डिंग की तीसरी मंजिल के एक हिस्से में अवैध निर्माण कराया जा रहा है।

इसकी जानकारी एसडीएम को देने के लिए पुलिसकर्मी निर्माण स्थल का फोटो खींचने लगे। इसी दौरान अवैध निर्माण की दीवार ढह गई। उसकी चपेट में आकर जाकिर हुसैन तीसरी मंजिल से बिल्डिंग के सामने की तरफ सड़क पर गिर पड़े। वहीं, बाद में उसकी छत भी ढह गई और और देबू सिंह दूसरी मंजिल पर गिर घायल हो गए। मलबा भी दोनों पुलिसकर्मियों के उपर गिरा। मलबे के चपेट में आकर सड़क पर खड़ी एएसआइ की स्कूटी भी क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं, बाद में स्थानीय लोगों ने पीसीआर की मदद से घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचाया गया। वहां जाकिर की मौत हो गई। जबकि देबू सिंह का इलाज जारी है। बाड़ा हिंदूराव थाना पुलिस पोस्टमार्टम करा जाकिर हुसैन का शव परिजनों को सौंप मामले की जांच कर रही है।

पति की मौत से पत्नी व तीन बच्चों पर टूटा दुख का पहाड़

एएसआइ जाकिर हुसैन की मौत से परिवार के साथ ही जिले के पुलिसकर्मियों में शोक का माहौल व्याप्त हो गया। वहीं, पति की मौत से पत्नी व उनके तीन बच्चों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। मूल रूप से मेरठ के रहने वाले जाकिर वर्ष 1993 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। इसके बाद वह हवलदार बने। दो साल पहले प्रमोशन के बाद उन्हें एएसआई बनाया गया था।

जाकिर हुसैन का परिवार वजीराबाद इलाके में रहता है। उनके परिवार में पत्नी गुलशन जहां एक बेटी और दो बेटे हैं। रिमशा खान भाइ बहनों में सबसे बड़ी है और वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रही है। जबकि बड़ा बेटा शुएब खान 12वीं पास कर मेडिकल में दाखिले के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है और छोटा बेटा दानिश खान दसवीं कक्षा में पढ़ रहा है।

भाई शाहिद ने बताया कि जाकिर हुसैन बुधवार की सुबह करीब 8.30 बजे ड्यूटी के लिए बाड़ा हिंदूराव के लिए निकले थे। इसी दौरान करीब 11 बजे परिजनों को हादसे की चपेट में आकर उनकी मौत की जानकारी मिली। इसकी सूचना मिलते ही एएसआइ के घर में कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चों के आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।


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