गांवों में अवैध निर्माण का शुरू हुआ सर्वे, शाहबेरी में बनी अवैध इमारत होगी सील
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ पार्थ सारथी सेन शर्मा ने शाहबेरी गांव में बनी अवैध इमारत जेपी हाइट्स को सील करने के निर्देश दिए हैं।
नोएडा (जेएनएन)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गांवों में अवैध इमारतों का सर्वे शुरू हो गया है। प्राधिकरण की सर्वे टीम शुक्रवार को शाहबेरी व बिसरख गांव पहुंची। दोनों जगह बिल्डर अवैध इमारत और अपने ऑफिसों को बंद कर भाग खड़े हुए। सर्वे टीम को मौके पर कोई नहीं मिला। अवैध इमारतों की वीडियोग्राफी कराई गई। जमीन के अभिलेखों से बिल्डरों के नाम खंगाले जा रहे हैं। नाम प्रकाश में आने के बाद प्राधिकरण उनके खिलाफ मामला दर्ज कराएगा।
शाहबेरी की घटना के बाद प्राधिकरण ने क्षेत्र में बन रही अवैध इमारतों का पता लगाने के लिए सर्वे कराने का फैसला किया है। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि शहर में कितनी अवैध इमारत है। उनमें कितने फ्लैट बने हुए हैं। फ्लैटों को बनाने वाले बिल्डर और कालोनाइजर कौन है। शुक्रवार को तहसीलदार, लेखपाल व परियोजना विभाग के सहायक प्रबंधक शाहबेरी और बिसरख पहुंचे।
शाहबेरी गांव में प्रबंधक ब्रहम सिंह व सहायक प्रबंधक प्रभात कुमार लेखपाल को अपने साथ लेकर पहुंचे। कई अवैध इमारतों का सर्वे किया गया, लेकिन पर्याप्त जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी। अनेक इमारत ऐसी हैं, जिनमें अभी लोगों ने रहना शुरू नहीं किया है। प्राधिकरण फिलहाल उन्हीं इमारतों का सर्वे कर रहा है, जिनके फ्लैटों में कोई नहीं रह रहा है। जिन फ्लैटों में लोग रह रहे हैं, शुक्रवार को उनका सर्वे नहीं किया गया।
प्रबंधकों ने भूमि विभाग से जमीन के अभिलेख मांगे हैं। अभिलेखों में बिल्डरों के नाम खंगाले जाएंगे। बिसरख में सहायक प्रबंधक जितेंद्र यादव के नेतृत्व में सर्वे किया गया। निर्माणाधीन अवैध इमारतों पर कोई नहीं मिला। निर्माण कार्य छोड़कर मजदूर भी दूसरी जगह चले गए हैं। बिसरख में आधा दर्जन बिल्डरों के नाम प्रकाश में आए हैं। सर्वे कार्य एक सप्ताह तक चलेगा। इसके बाद अन्य गांवों में सर्वे शुरू होगा।
अवैध इमारत जेपी हाइट्स को सील करने के निर्देश
दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ पार्थ सारथी सेन शर्मा ने शाहबेरी गांव में बनी अवैध इमारत जेपी हाइट्स को सील करने के निर्देश दिए हैं। बिल्डर के खिलाफ बिसरख थाने में मामला दर्ज करने के लिए तहरीर दे दी गई है। फ्लैट के अंदर रहे रहे परिवार को शनिवार तक दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। प्राधिकरण सीईओ के कड़े निर्देश के बाद परियोजना विभाग की टीम इमारत को देखने पहुंची।
इमारत की कमजोर बुनियाद देखकर प्राधिकरण के इंजीनियर भी भौचक्के रह गए। दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में एक और इमारत धराशायी होने के कगार पर शीर्षक से प्रकाशित की थी। खबर छपने के बाद सीईओ ने कड़ा संज्ञान लिया। शाहबेरी गांव में जमींदोज हुई छह मंजिला इमारत से दो गली छोड़कर और जेपी हाइट्स के नाम से अवैध बिल्डिंग बनी हैं। इसमें 46 फ्लैट हैं।
इमारत को बनाने वाला बिल्डर जितेंद्र पाल मान हैं। एक फ्लैट में हरियाणा के जींद का परिवार रहता है। एक माह पहले इमारत चार इंच जमीन में धंस गई थी। इससे समूची इमारत के साथ पिलर में दरार आ गई। इसके बाद शाहबेरी के सभी बिल्डरों ने जितेंद्र पाल के साथ बैठक कर इमारत को सपोर्ट देने का आग्रह किया था।
बिल्डर ने सीमेंट के पिलर की सपोर्ट में लोहे के पिलर बना दिए। उनमें रोड़ी-बदरपुर भर गया है। सीमेंट के पिलर व लोहे के पिलर में तीन-तीन इंच का गेप है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सर्किल प्रभारी डोरीलाल वर्मा को तत्काल मौके पर भेजा। इमारत की स्थिति देखकर उसे तत्काल सील कराने का फैसला किया।
गुरुग्राम में छह निर्माणाधीन भवन किए गए सील
नगर निगम की ओर से सूरत नगर फेज-1 में शुक्रवार को अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की गई। इन्फोर्समेंट टीम ने सूरत नगर फेज-1 दौलताबाद फ्लाईओवर के नजदीक तथा इसी इलाके में कुल चार अनधिकृत रूप से निर्माणाधीन इमारतों को सील कर दिया। 1ये सभी निर्माण नगर निगम से बिना स्वीकृति लिए अर्थात बिल्डिंग प्लान पास करवाए बगैर किए जा रहे थे। इसके अलावा लक्ष्मण विहार में रेलवे लाइन के नजदीक दो अवैध निर्माणों को सील करने की कार्रवाई की गई। इस बाबत नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने कहा कि नगर निगम सीमा में किसी भी प्रकार का निर्माण शुरू करने से पूर्व नगर निगम से बिल्डिंग प्लान स्वीकृत करवाना अनिवार्य है। बिना बिलिं्डग प्लान की स्वीकृति के किए जा रहे निर्माण को अनाधिकृत माना जाएगा और ऐसे निर्माणों को सील एवं उनको तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। यशपाल यादव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ऐसी इमारतों की जांच करें और उन पर कार्रवाई करें।