IITF 2024: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 1500 से दो हजार करोड़ का हुआ कारोबार, इस बार कम रही विदेशों की भागीदारी
43वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ 2024) में इस बार 1500 से 2000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। पिछले साल यह आंकड़ा 2000 करोड़ रुपये के करीब था। मेले में इस साल 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया जबकि पिछले साल यह संख्या 29 थी। विदेशों से भाग लेने वाले देशों की संख्या में कमी आई है। इस साल 12 देशों ने भाग लिया।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। IITF in Delhi: 43वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ 2024) पिछले मेले की तुलना में कहीं 19 तो कहीं 21 रहा। मेले के क्षेत्रफल में इस बार कमी हुई तो देश-विदेश की भागीदारी कमोबेश गत वर्ष जैसी ही रही। कारोबार भी लगभग बीते वर्ष जैसा ही हुआ।
राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी में इजाफा देखा गया। दर्शक संख्या में कुछ खास बदलाव नहीं देखा गया।
साल दर साल बढ़ रहा मेले का दायरा
गौरतलब है कि 2017 में प्रगति मैदान का नवीनीकरण कार्य आरंभ हुआ था, जो 2022 वर्ष तक पूरा नहीं हो पाया था। यही वजह है कि बीते कुछ सालों के दौरान मेला कम क्षेत्रफल में ही आयोजित हुआ। 2022 में यह तकरीबन 73 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में लगा था, जबकि 2023 में सर्वाधिक 1,20,000 वर्ग मीटर वर्ग मीटर में लगाया गया।
इस साल यह 1.2 लाख वर्ग मीटर में लगा। 14 से 27 नवंबर तक 14 दिनों के दौरान 2022 में इस मेले में सात से आठ लाख दर्शक आए थे, 2023 में यह संख्या 10 लाख तक रही तो इस साल यह 10 लाख से ऊपर बताई जा रही है।
1500-2000 करोड़ के कारोबार की संभावना
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ, ITPO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2022 के मेले में एक हजार करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ था जबकि पिछले साल दो हजार करोड़ के लगभग रहा था। इस साल यह 1500 से दो हजार करोड़ का बताया जा रहा है।
राज्य और अन्य देशों की भागीदारी
बीते वर्ष 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इसमें हिस्सा लिया था, इस साल यह संख्या 33 हो गई। पिछले वर्ष 13 देशों ने भागीदारी की थी जबकि इस बार यह संख्या 12 रही। पिछले साल मेले में 3,500 स्टॉल लगे तो इस बार भी इनकी संख्या इतनी ही रही है।
किस राज्य के स्टॉल ने किया कारोबार
राज्य मंडपों ने अच्छा प्रदर्शन किया। सरस मंडप में कुल कारोबार आठ करोड़ से ऊपर का रहा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष सरस मंडप ने अपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
इसी तरह बिहार मंडप ने भी व्यापार का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यहां पर विभिन्न स्टालों ने अपने उत्पादों की बिक्री एवं बुकिंग के जरिए करीब डेढ़ करोड़ का आंकड़ा पूरा किया। उत्तर प्रदेश मंडप में लगभग ढाई करोड़ का व्यापार हुआ और 15 लाख के ऑर्डर बुक हुए।
इस साल मेला दर्शकों का अनुभव गत वर्षों की तुलना में अच्छा रहा। चाहे भीड़ प्रबंधन हो या सुरक्षा व्यवस्था या जन सुविधाएं हों. सभी जगह व्यवस्था संतोषजनक रही। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी बार दर्शकों ने खूब आनंद लिया। दर्शकों की भीड़ के बावजूद यातायात प्रबंधन भी बेहतर रहा।
43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के सफल आयोजन के लिए मैं सभी भागीदारों और दर्शकों का आभारी हूं। 2025 में होने वाले 44वें व्यापार मेले को और खास बनाने का प्रयास रहेगा। -प्रेमजीत लाल, कार्यकारी निदेशक, आईटीपीओ

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