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कोविड-19 के खिलाफ IIT दिल्ली को मिली बड़ी उपलब्धि, हजारों मरीजों के इलाज में होगी सुविधा

आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो वी.रामगोपाल राव ने कहा है कि संस्थान के शोधकर्ताओं की तरफ से जल्द ही कम कीमत का वेंटिलेटर तैयार कर लिया जाएगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 11:22 AM (IST)
कोविड-19 के खिलाफ IIT दिल्ली को मिली बड़ी उपलब्धि, हजारों मरीजों के इलाज में होगी सुविधा
कोविड-19 के खिलाफ IIT दिल्ली को मिली बड़ी उपलब्धि, हजारों मरीजों के इलाज में होगी सुविधा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली ने बीते दो महीने में देश को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में कई शोध कार्यों को पूरा करते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आम जनता के लिए कोविड-19 के किफायती इलाज के लिए कई उपकरण तैयार किए हैं। चाहे वह कोविड-19 टेस्ट किट 500 रुपये से कम में बनाया गया उपकरण हो, 40 से 45 रुपये में कवच मास्क हो या फिर कोविड-19 की आरामदायक पीपीई किट हो।

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किफायती तकनीक को विकसित किया

संस्थान के शोधकर्ताओं ने बखूबी स्वास्थ्य कर्मी और आम नागरिकों के लिए ऐसी तकनीक विकसित की है। अब आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो वी.रामगोपाल राव ने कहा है कि संस्थान के शोधकर्ताओं की तरफ से जल्द ही कम कीमत का वेंटिलेटर तैयार कर लिया जाएगा। इसके लिए काम किया जा रहा है। यह कोविड-19 के गंभीर मरीजों का इलाज लिए होगा। उन्होंने कहा कि हमें चुनौती को अवसर में बदला और लोगों के लिए किफायती तकनीक को विकसित किया।

वेबिनार में सामने आई कई अहम बातें

उन्होंने यह बातें गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के रोल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कार्य) पर आधारित वेबिनार में कहीं। यह वेबिनार तीन दिन तक आयोजित किया गया। इसे आइपी विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ बेसिस एंड एप्लाइड साइंसेज द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर आइपी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो महेश वर्मा भी मौजूद रहे।

बिगड़ सकती है शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग

इधर, लॉकडाउन के चलते उच्च शिक्षण संस्थान जहां तत्कालिक चुनौतियों से जूझ ही रहे है, वहीं उनके सामने इस लॉकडाउन के चलते आगे भी बड़ी चुनौती खड़ी होनी वाली है। जो इन सभी संस्थानों की रैंकिंग से जुड़ी है। जिसका मूल्यांकन ही संस्थानों की शैक्षणिक व शोध से जुड़ी गतिविधियों के आधार पर किया जाता है। लेकिन, मौजूदा परिस्थितियों में लॉकडाउन के चलते वह सब ठप पड़ी हैं। ऐसे में संस्थानों के सामने अगली रैंकिंग के मूल्यांकन के दौरान अपने प्रदर्शन का ब्योरा दे पाना काफी कठिन होगा।


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