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विश्व के शीर्ष संस्थानों में आइआइटी दिल्ली, थोड़े से सुधार से टाॅप 50 में आने की क्षमता

रैंकिंग में डीयू(501 से 510 के बीच) जेएनयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया भी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। आइआइटी निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने कहा कि गत वर्ष आइआइटी दिल्ली की रैंकिंग 193 थी।इसमें आठ अंको का सुधार करते हुए इस बार संस्थान 185वें स्थान पर पहुंचा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 10:13 PM (IST)
विश्व के शीर्ष संस्थानों में आइआइटी दिल्ली, थोड़े से सुधार से टाॅप 50 में आने की क्षमता
भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान दुनिया के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में शीर्ष 50 में हो सकते हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। क्यूएस विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग 2022 बुधवार को जारी हो गई है। इसमें शीर्ष 200 संस्थानों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) 185वें स्थान पर काबिज है। रैंकिंग में डीयू(501 से 510 के बीच), जेएनयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया भी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। आइआइटी निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने कहा कि गत वर्ष आइआइटी दिल्ली की रैंकिंग 193 थी। इसमें आठ अंकों का सुधार करते हुए इस बार संस्थान 185वें स्थान पर पहुंचा है। आइआइटी निदेशक ने फैकल्टी व छात्रों को एक ईमेल भी भेजा, जिसमें कहा कि आइआइटी के प्रदर्शन में आठ अंकों का सुधार हुआ है, लेकिन वह इससे बहुत खुश नहीं हैं। भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान दुनिया के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में शीर्ष 50 में हो सकते हैं।

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ईमेल में आइआइटी निदेशक ने ऐसा नहीं होने के पीछे कारण बताते हुए कहा है कि अकादमिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, शिक्षक छात्र अनुपात, विदेशी फैकल्टी और विदेशी छात्र आदि पैमाने पर रैंकिंग तैयार की जाती है। निदेशक ने कहा कि अकादमिक प्रतिष्ठा के लिए सर्वे को आधार बनाया जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि आइआइटी के कार्यों के बारे में आम लोग जाने। ईमेल में उन्होंने नियुक्तियों पर भी जोर दिया।

पहली बार जेएनयू शामिल

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की क्यूएस रैंकिंग 561 से 570 के बीच हैं। जेएनयू की इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. एम जगदेश कुमार ने छात्रों, कर्मचारियों, पूर्व छात्रों व शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब जेएनयू वैश्विक रैंकिंग में एक समग्र विश्वविद्यालय के रूप में सामने आया है। जेएनयू ने पिछले पांच वर्षों के दौरान विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान विषयों में मौजूदा कार्यक्रमों को मजबूत करते हुए कई नए शैक्षणिक कार्यक्रमों की शुरूआत की है। जिसमें स्नातक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम और अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप का इस रैंकिंग में विशेष योगदान है।


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