बच्चों को भविष्य संवारने गांव जाएंगे दिल्ली आइआइटी के छात्र, करेंगे ये काम
मेरठ में पांच गांवों में बच्चों को पढ़ा रहे अतुल के अनुसार, एसोसिएशन की तरफ से गांवों में राष्ट्रीय शिक्षा संवर्धन (नेशनल एजुकेशन इनरिचमेंट इन विलेज- नीव) कार्यक्रम शुरू किया गया है।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली के पूर्व छात्रों ने बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें पुस्तकें उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ी पहल की है। आइआइटी दिल्ली एलुमिनी एसोसिएशन इसके लिए कई पुस्तकालय खोलने जा रही है। मार्च 2019 तक दिल्ली में नजफगढ़ के तीन गांवों और हरियाणा में गुरुग्राम के पास पहाड़ी गांव में पुस्तकालय तैयार हो जाएंगे।
कई गांवों के बच्चों को हो रहा फायदा
इनमें कई विषयों की पुस्तकें छात्रों को पढ़ने को मिलेंगी। एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल बाल ने बताया कि हाल ही में हरियाणा में रेवाड़ी के मसानी गांव में और झज्जर जिले के पलड़ा गांव में पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। इससे इन गांवों के बच्चों को काफी फायदा हो रहा है।
बच्चों को जागरुक कर रहे छात्र
इसके साथ ही एसोसिएशन से जुड़े पूर्व छात्र एवं अभी संस्थान में पढ़ाई कर रहे कुछ छात्र भी इन गांवों में लगातार जाकर बच्चों को शिक्षित करने में लगे हुए हैं। इसे ही आगे बढ़ाते हुए अब दिल्ली के गांवों में भी पुस्तकालय स्थापित करने की योजना तैयार की गई है।
इन गांवों में खुलेंगे पुस्तकालय
इसके तहत नजफगढ़ के मित्राऊं, उजवा और समस्तीपुर गांवों में पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) से हमें कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत फंड मिला है।
मुहिम में वर्तमान छात्र भी दे रहे साथ
अतुल बाल ने बताया कि इस मुहिम में संस्थान के मौजूदा छात्र भी योगदान दे रहे हैं। इसके लिए पूर्व छात्रों की तरफ से संस्थान में पढ़ रहे छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे सरल तरीके से जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित कर सकें। आने वाले समय में दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित किया जाएगा।
पांच गांव के बच्चों को पढ़ा रहे छात्र
मेरठ में पांच गांवों में बच्चों को पढ़ा रहे अतुल के अनुसार, एसोसिएशन की तरफ से गांवों में राष्ट्रीय शिक्षा संवर्धन (नेशनल एजुकेशन इनरिचमेंट इन विलेज- नीव) कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत एसोसिएशन से जुड़े पूर्व छात्र मेरठ में पांच गांवों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इन गांवों में पांचवीं पास करने के बाद भी अधिकतर बच्चे सही तरीके से लिख नहीं पाते हैं। इस कार्यक्रम को शुरू हुए तीन महीने हो चुके हैं। सिंतबर में कार्यक्रम को शुरू किया गया था।