आपके बच्चे को भी लगी है मोबाइल फोन की बुरी लत तो हो जाएं सतर्क, विशेषज्ञों ने किया सावधान
लाकडाउन के दौरान बच्चों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल की आदत बढ़ी जिसका असर यह हुआ है कि उन्हें कई तरह की समस्याएं होने लगी हैं। इसके चलते बच्चों में मायोपिया सबसे ज्यादा फैलने वाला और बहुत सामान्य दृष्टि दोष मिल रहा है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। कोरोना वायरस के बाद दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) का खतरा दोगुना हो गया है। इसका कारण बच्चों का आनलाइन पढ़ाई के दौरान स्क्रीन पर अधिक समय बिताना है। इसके साथ ही लाकडाउन के दौरान मोबाइल फोन पर गेम खेलने और टेलीविजन देखकर समय बिताने से भी बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ा है। यह कहना है सामाजिक संस्था आल इंडिया आफ्थैल्मोलाजी सोसायटी (एआइओएस) के अध्यक्ष और नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अध्यक्ष ललित वर्मा का।
बच्चों में मायोपिया के खतरे को कम करने के लिए आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में डा. ललित वर्मा ने ये बातें कहीं हैं। वहीं, इसी कार्यक्रम में शिरकत कर रहीं डा. नम्रता शर्मा ने कहा कि मायोपिया सबसे ज्यादा फैलने वाला और बहुत सामान्य दृष्टि दोष है।
नम्रता शर्मा के मुताबिक, अनुमान है कि मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) से विश्व की तकरीबन 20 प्रतिशत आबादी प्रभावित है, जिनमें लगभग 45 प्रतिशत वयस्क और 25 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं।
इसके साथ विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि इसके निदान के लिए यानी ऐसे मामलों में तत्काल चश्मा, कांटैक्ट लैंस या जरूरत पड़ने पर सर्जरी जैसे उपाय अपनाने की जरूरत है, ताकि बच्चों के बड़े होने पर आंखों संबंधी अन्य कोई परेशानी न आए।
कार्यक्रम के दौरान अपनी बात रखते हुए एक अन्य विशेषज्ञ डा. प्रो. राजेश सिन्हा ने कहा कि बच्चों में आनुवांशिक कारणों से मायोपिया के मामलों का खतरा तब बढ़ जाता है। इस दौरान संस्था से जुड़े डा. रोहित सक्सेना सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
मानें विशेषज्ञों की ये बातें
लगातार मोबाइल फोन देखने से बच्चा धीरे-धीरे उसका आदी हो जाता है। यदि आप भी अपने बच्चे को बार-बार मोबाइल फोन के साथ अकेला छोड़ देते हैं तो इसकी लत उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हो सकती है।
अपनाएं ये उपाय
- इंटरनेट बंद रखें
- गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करना
- बच्चों के साथ व्यतीत करें समय
- अन्य कामों में रखें व्यस्त
- स्क्रीन समय करें तय, पासवर्ड बदलते रहें