साउथ दिल्ली में घर खरीदने की सोच रहे हैं तो जरूर पढ़नी चाहिए आपको यह खबर
किसी संपत्ति की कीमत एक करोड़ हैं तो उस संपत्ति को खरीदने वाली महिला उपभोक्ता को अब तीन और पुरुष उपभोक्ता को चार फीसद हिस्सा सरकार को देना होगा।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम जैसे पॉश इलाकों में अपने घर का सपना और मंहगा हो गया है। दक्षिणी दिल्ली नगर नगर निगम ने ट्रांसफर ड्यूटी शुल्क में एक फीसद की बढोतरी कर दी है। दक्षिणी निगम की स्थायी समिति की मंजूरी के बाद जल्द ही इसे सदन की होने वाली बैठक में मंजूरी दे दी जाएगी। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो दक्षिणी दिल्ली के इलाके में मकान खरीदना चाहते हैं। क्योंकि पॉश इलाके में मकान खरीदने पर इसका सीधा असर लाखों रुपये में पढ़ता है। फिलहाल दक्षिणी निगम इलाके में संपत्ति की रजिस्ट्री कराने में 2 फीसद शुल्क महिला के लिए हैं और तीन फीसद शुल्क पुरुष के लिए हैं। निगम ने इसे महिला के लिए तीन फीसद और पुरुष के लिए चार फीसद करने का प्रस्ताव पारित किया है। दरअसल, संपत्ति खरीदने के समय पर मकान की कुल कीमत पर यह शुल्क लगता है। अगर, किसी संपत्ति की कीमत एक करोड़ हैं तो उस संपत्ति को खरीदने वाली महिला उपभोक्ता को अब तीन और पुरुष उपभोक्ता को चार फीसद हिस्सा सरकार को देना होगा।
25 करोड़ की होगी अतिरिक्त आय
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली इलाके में ट्रांसफर ड्यूटी में एक फीसद बढ़ोत्तरी करने से करीब 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हर वर्ष होगी। निगम की खराब होती आर्थिक स्थिति पर निगम ने यह फैसला लिया है। क्योंकि संपत्तिकर से लेकर विज्ञापन और पार्किंग से आने वाली आय पर निगम को भारी नुकसान हुआ है। बीते वर्षों की तुलना में कोरोना के चलते इसमें कटौती हुई है। वर्ष 2019-20 में निगम को ट्रांसफर ड्यूटी से 421 करोड़, वर्ष 2018-19 में 630 और वर्ष 2017-18 में 518 करोड़ रुपये की आय हुई थी। राज्य सरकार इस शुल्क को संपत्ति के रजिस्ट्री के समय पर लेती है। फिर से मासिक आधार पर निगमों को ट्रांसफर कर दिया जाता है।
अन्य शुल्कों में हो सकती है बढ़ोतरी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पास इस समय अपने कर्मियों और अधिकारियों के लिए वेतन जारी करने के लिए पैसा नहीं हैं। इसलिए निगम अपनी राजस्व बढ़ोतरी के लिए ऐसे कदम उठा रही है। माना जा रहा है आने वाले दिनों में निगम द्वारा वसूले जाने वाले विभिन्न शुल्कों में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर योजना बना रहे हैं कि किस-किस मद में शुल्क की वृद्धि कर राजस्व बढोत्तरी की जा सकती है।