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Delhi Chinese Manjha 2021: दिल्ली में 2017 से प्रतिबंधित है चाइनीज मांझा तो क्यों हो रहा इस्तेमाल

Delhi Chinese Manjha 2021 चाइनीज मांझे से होने वाले नुकसान की वजह से दिल्ली में इस पर वर्ष 2017 से प्रतिबंध है। बावजूद इसके कई इलाकों में धड़ल्ले से इसकी बिक्री हो रही है। चाइनीज मांझे से दुघर्टनाएं भी हो रही हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 09:37 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 09:37 AM (IST)
Delhi Chinese Manjha 2021:  दिल्ली में 2017 से प्रतिबंधित है चाइनीज मांझा तो क्यों हो रहा इस्तेमाल
Delhi Chinese Manjha 2021: दिल्ली में 2017 से प्रतिबंधित है चाइनीज मांझा तो क्यों हो रहा इस्तेमाल

नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद इसकी बिक्री पुलिस व प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है। स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी दिल्ली में होने वाली पतंगबाजी को ध्यान में रखकर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने चाइनीज मांझे का प्रयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह जरूरी है। इससे होने वाले नुकसान की वजह से दिल्ली में इस पर वर्ष 2017 से प्रतिबंध है। बावजूद इसके कई इलाकों में धड़ल्ले से इसकी बिक्री हो रही है। चाइनीज मांझे से दुघर्टनाएं भी हो रही हैं। कुछ दिनों पहले पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर फ्लाईओवर पर स्कूटी सवार एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी। नंदनगरी में एक बाइक सवार व्यक्ति भी मांझे से जख्मी हो गया था। इस तरह की घटनाएं आम हैं, इसलिए प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।

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वहीं, प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में इसकी बिक्री होने से पुलिस व प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं। आखिर क्यों नहीं इस मामले में सख्ती की जा रही है? लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को कैसे दी जा रही है? सिर्फ स्वतंत्रता दिवस के समय एडवाइजरी जारी कर देना काफी नहीं है, इसे लागू कराने के लिए भी गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है। चाइनीज मांझा नायलान और सिंथेटिक धागे से बनता है। कांच व धातु का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे यह बिजली का संवाहक बन जाता है। इसके बिजली के तार व अन्य उपकरणों के संपर्क में आने से करंट लगने का खतरा रहता है। इस तरह की मांझे से दिल्ली सहित पूरे देश में कई लोगों की जान चली गई है।

इसे देखते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने सभी राज्यों से इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया था, लेकिन इसके नाम पर सिर्फ खानापूरी की जा रही है। पुलिस व प्रशासन को इस मामले में सख्ती करने के साथ ही आम जनता को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्हें पतंगबाजी के लिए इस तरह के जानलेवा मांझे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही अन्य लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए।


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