CAB protest : 3 दिन से चल रहा था हंगामा, आखिर कैसे चूक गया दिल्ली पुलिस का खुफिया तंत्र
CAB protest पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर हजारों की भीड़ जुटने की सूचना पुलिस को क्यों नहीं मिली।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। CAB protest : दिल्ली पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। साल में यह तीसरा मौका है, जब इतना बड़ा बवाल हो गया और उसे इसकी भनक तक नहीं मिली। दरअसल, दोपहर बाद से ही दक्षिण दिल्ली में बवाल बिगड़ता जा रहा था और दिल्ली पुलिस इससे बेखबर रही और नतीजा ऐसा बवाल हुआ जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी।
उपद्रव कहीं स्थानीय खुफिया तंत्र की विफलता तो नहीं
नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के विरोध में पहले ही दिन से हिंसक हुए आंदोलन ने तीसरे भयानक रूप ले लिया। अगर इस मामले में पुलिस ने पहले ही दिन से सख्त रवैया दिखाया होता तो रविवार को हालात इतने गंभीर न होते। इससे यह भी सवाल उठने लगे हैं कि कहीं यह स्थानीय खुफिया तंत्र की विफलता तो नहीं है। छात्रों के आंदोलन में इतनी बड़ी संख्या में उपद्रवी शामिल होकर तीन दिन तक हंगामा करते रहे लेकिन पुलिस व खुफिया तंत्र को इसकी भनक नहीं लगी।
मथुरा रोड पर हुए हिंसक बवाल के बाद जामिया नगर और एनएफसी के आसपास के क्षेत्रों में पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवान तैनात कर दिए गए हैं। पुलिस सड़कों पर फ्लैग मार्च कर रही है। किसी भी बवाल की आशंका के चलते सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसके बावजूद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर हजारों की भीड़ जुटने की सूचना पुलिस को क्यों नहीं मिली।
अनुच्छेद 370 और राम मंदिर फैसले पर भी नहीं हुआ था बवाल
लोगों का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून से भी ज्यादा संवेदनशील मसला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद- 370 हटाना और राम मंदिर पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला था, लेकिन प्रशासन की सक्रियता के चलते कोई बड़ा उपद्रव नहीं हुआ था।
उपद्रवियों ने पुलिस पर फेंके पेट्रोल बम
स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस पर उपद्रवियों ने पेट्रोल बम से हमला किया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्च कर भीड़ को खदेड़ा। उपद्रवियों ने एनएफसी वेस्ट सोसायटी और एक अस्पताल में भी घुसने का प्रयास किया। जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बना रहा। लोगों ने आरोप लगाया कि उपद्रवियों ने राहगीरों से मारपीट और लूट की। सूत्रों के अनुसार, सेामवार को सुरक्षा की दृष्टि से उपद्रव वाले क्षेत्र के सभी शिक्षण संस्थानों को शांति बहाली तक बंद रखने के लिए कहा गया है।
‘पुलिस ने छात्रों को नहीं पीटा’
दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली पुलिस उपायुक्त चिन्मय विश्वाल ने कहा कि यह आरोप गलत है कि पुलिस ने छात्रों का हॉस्टल में घुसकर पीटा है। वहीं पुलिस ने अपनी तरफ से कोई फायरिंग भी नहीं की है। यह अफवाह फैलाई जा रही है कि पुलिस ने गाड़ियों में आग लगाई, जबकि पुलिस तो आग बुझाने का काम कर रही थी।