Delhi Cctv Cameras: अरविंद केजरीवाल सरकार की एक अच्छी योजना, अब दिल्ली पुलिस के आ रही काम
Delhi Cctv Cameras दिल्ली में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों से पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में कामयाब हो रही है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Delhi Cctv Cameras: एक समय आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से राजधानी दिल्ली में लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों को लेकर सवाल उठे थे। यह योजना विवादों के घेरे में आ गई थी, मगर अब यही योजना काम की साबित हो रही है। अब इन्हीं सीसीटीवी कैमरों से अपराधी पकड़े जा रहे हैं। यमुनापार में बुधवार को एक छोटी बच्ची के अपहरण के प्रयास का मामला सामने आया। तब अपहरणकर्ताओं से बच्ची की मां भिड़ गई और मजबूरी में बदमाशों को भागना पड़ा। यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसकी वजह से आरोपित पकड़े गए। बृहस्पतिवार को अन्य मामले में भी झपटमार चैन छीनते हुए कैद हुए। इससे पहले भी अपराधों को रोकने में इन कैमरों से मदद मिल रही है।
सूत्रों की मानें तो 29 सितंबर 2019 से अब तक 240 मामलों की फुटेज दिल्ली पुलिस ले चुकी है। इनमें कई मामलों को सुलझाया भी जा चुका है। कोरोना काल में भी काम आ चुके हैं कैमरे अपराधियों को पकड़वाने के अलावा कोरोना काल में भी ये कैमरे काम आ चुके हैं। दिलशाद गार्डन में एक शख्स विदेश से आया था, जो कोरोना पॉजिटिव पाया गया। पूछताछ में वह यह नहीं बता रहा था कि और कौन-कौन से लोग उसकी संपर्क में आ चुके हैं। तब इस मामले में गली में लगे कैमरों का सहारा लिया गया। संक्रमित कह रहा था कि वह घर से नहीं निकला, जबकि सीसीटीवी कैमरों से पता चला कि वह इलाके में लोगों के साथ घूम रहा था। इसके अलावा दंगे में उपद्रवियों को पकड़ने में भी इन सीसीटीवी कैमरों की मदद ली गई है।
दिल्ली में लग चुके हैं एक लाख 40 हजार कैमरे
दिल्ली में अब तक एक लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं। इतने कैमरे और लगाए जाने हैं। इनके लिए भी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है। इन्हें मिलाकर दिल्ली में 2 लाख 80 हजार कैमरे हो जाएंगे।
अड़चन न लगाई होती तो बहुत पहले लग गए होते कैमरे
दिलीप पांडेय (राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधायक, आम आदमी पार्टी) का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे अपराधियों को पकड़ने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उच्च गुणवत्ता वाले ये कैमरे साफ तस्वीर कैद करते हैं। अपराधी पकड़े जाते हैं तो जनता को भी खुशी होती है। अगर अड़चन न लगाई गई होती ये कैमरे बहुत पहले लग गए होते। बहरहाल अड़चन लगाने वालों को यह देखना चाहिए कि कैमरे कितने काम आ रहे हैं।