लॉकडाउन के दौर में नामी शिक्षण संस्थानों के VC आखिर कैसे बिता रहे समय, पढ़िए पूरी खबर
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) महेश वर्मा को खाना बनाना बहुत पसंद है। इन दिनों वह घर में अपने और अपने परिवार के लिए खाना भी बना रहे हैं।
नई दिल्ली, राहुल मानव। Lockdown India दिल्ली के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के कुलपति एवं निदेशक इन दिनों घरों से सभी प्रकार के अपने संस्थान और निजी जिदंगी के जरूरी काम लर रहे हैं। कोई अपने मनपंसद शौक को पूरा कर रहा है तो कोई दुनिया भर के विशेषज्ञों से ऑनलाइन टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिये बातचीत कर रहा है।
व्यायाम करना खूब पसंद हैं जेएनयू के VC को
जेएनयू के कुलपति प्रो एम.जगदीश कुमार को व्यायाम करना खूब पसंद है। लॉकडाउन में वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ खूब समय बिता रहे हैं। शरीर को फिट रखने के लिए वह काफी मेहनत करते हैं। लॉकडाउन के समय भी वह सुबह और शाम के समय व्यायाम कर रहे हैं। अकादमिक गतिविधियों पर ध्यान देने के साथ ही वह अपने मनपंसद शौक को भी पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए हमें हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। इससे हम इससे लड़ने में सक्षम हो सकेंगे।
प्रकृति के करीब रहना पसंद है आइआइटी दिल्ली के निदेशक को
आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव हमेशा ही व्यस्त रहते हैं। लॉकडाउन से पहले संस्थान के अपने कार्यालय में ही उनका अधिकतम समय बीतता था। लेकिन लॉकडाउन के बाद से वह अपने परिवार के साथ काफी समय बिता रहे हैं। साथ उन्हें प्रकृति के करीब रहना खूब अच्छा लगता है। इसलिए वह अपने घर से बाहर बालकनी में घास के ऊपर कुर्सी लगाकर अपना लैपटॉप पर संस्थान के अकादमिक व प्रशासनिक मामलों से जुड़े जरूरी काम को पूरा करते हैं। उन्हें यह अच्छा लगता है। इसके अलावा इन्हें अपने पेट डॉग शाईलो के साथ खेलना भी खूब पसंद है।
खाना बनाना भी पसंद है डॉ. महेश शर्मा को
वहीं गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) महेश वर्मा को खाना बनाना बहुत पसंद है। इन दिनों वह घर में अपने और अपने परिवार के लिए खाना भी बना रहे हैं। साथ ही वह विश्वविद्यालय के अकादमिक मामलों पर भी पूरी नजर रख रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले 31 मार्च के दिन उन्होंने अपने सभी कर्मचारियों का वेतन भी ऑनलाइन जारी किया था। वह वर्ल्ड डेन्टिस्ट फेडरेशन के सदस्य भी हैं।
एक अप्रैल के दिन उन्होंने घर से ही इस संगठन से जुड़े विशेषज्ञों के साथ डेन्टिस्ट के क्षेत्र में 2030 तक के भविष्य व नेतृत्व को लेकर बातचीत की थी। इसमें कुल 136 देशों के 73 सदस्यों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया है कि विश्वविद्यालय के व्यस्त समय के दौरान परिवार के साथ समय नहीं बिता पाते थे। लेकिन अब वह परिवार के साथ व अपने रिश्तेदारों से भी बातचीत कर रहे हैं।