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गार्गी कॉलेज के वार्षिकोत्‍सव में कैसे घुसे थे भारी संख्‍या में बाहरी लोग, जांच में हुआ खुलासा

वार्षिकोत्सव के दौरान छह फरवरी को गार्गी कॉलेज में घुसकर छात्राओं से छेड़छाड़ करने वाले लोग फर्जी पास के जरिये कॉलेज में घुसे थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 07:49 AM (IST)
गार्गी कॉलेज के वार्षिकोत्‍सव में कैसे घुसे थे भारी संख्‍या में बाहरी लोग, जांच में हुआ खुलासा
गार्गी कॉलेज के वार्षिकोत्‍सव में कैसे घुसे थे भारी संख्‍या में बाहरी लोग, जांच में हुआ खुलासा

 नई दिल्ली, अरविंद कुमार द्विवेदी। वार्षिकोत्सव के दौरान छह फरवरी को गार्गी कॉलेज में घुसकर छात्राओं से छेड़छाड़ करने वाले लोग फर्जी पास के जरिये कॉलेज में घुसे थे। मामले की जांच के लिए कॉलेज की ओर से बनाई गई फैक्ट फाइडिंग कमेटी को जांच में यह बात पता चली है।

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फैक्ट फाइडिंग कमेटी को जांच में पता चला, हाल में हुई थी कमेटी की पहली मीटिंग

बताया जा रहा है कि कमेटी के सदस्यों को ऐसे कुछ फर्जी पास भी मिले हैं। हंगामे के दौरान कुछ लड़कों से कॉलेज परिसर में गिर गए थे जो कमेटी के हाथ लगे हैं। कॉलेज के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि कमेटी जल्द ही रिपोर्ट कॉलेज प्रशासन को सौंप देगी। कमेटी की पहली मीटिंग हाल ही में हुई थी जिसमें ये तथ्य सामने आए हैं।

पास की कलर फोटोकॉपी कर या फिर इसकी डुप्लीकेसी करके महंगे दामों पर बेचा गया

फेस्टिवल के लिए कॉलेज की ओर से प्रत्येक छात्रा को एक पास जारी किया गया था जिस पर वह डीयू, डीटीयू या आइआइटी के किसी भी एक छात्र को ला सकती थी। लेकिन, कॉलेज के सूत्र ने बताया कि इसी पास को या तो कलर फोटोकॉपी करके या फिर इसकी डुप्लीकेसी करके इसे महंगे दामों पर बेचा गया। कमेटी उस छात्रा के बारे में भी पता लगा रही है जिसने पास की कॉपी की। वहीं, कमेटी को यह भी आशंका कि जहां से इन पास को प्रिंट करवाया गया था, वहां से पास लीक हुए हों और डुप्लीकेट पास लोगों को बेचे गए हैं।

कॉलेज ने करीब पांच हजार पास किए थे जारी

कॉलेज ने करीब पांच हजार पास जारी किए थे। इस तरह हर पास पर एक युवक के आने से भी 10 हजार से ज्यादा भीड़ नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन, कार्यक्रम वाले दिन कॉलेज में 15 हजार से ज्यादा लोग पहुंच गए थे। इसी भीड़ में से कुछ लोगों ने छात्राओं से छेड़छाड़ की थी। कमेटी को यह भी पता चला है कि डुप्लीकेट पास 700 से चार हजार रुपये तक में बेचे गए थे। सूत्र ने बताया कि पास में तीन चरणों की सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इन पास को विशेष एंगल से देखने पर उन पर लिखा पास कोड आदि नजर आता था, लेकिन आखिरी वक्त में डुप्लीकेट पास के कारण गेट पर भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि पास का सिक्योरिटी सिस्टम भी चेक नहीं हो पाया।

अभी तक 15 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार

गौरतलब है कि छह फरवरी को कॉलेज के वार्षिकोत्सव के दौरान सैकड़ों बाहरी लोग घुस गए और छात्राओं से छेड़छाड़ की थी। उस दौरान कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था। बाद में पुलिस ने मामले में एफआइआर दर्ज की थी और अभी तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके पैरलल कॉलेज की फैक्ट फाइडिंग कमेटी भी जांच कर रही है।


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