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EXCLUSIVE: केजरीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लीनिक में सोते हैं गधे, घोड़े फरमाते हैं आराम

आसपास के इलाकों से भी गधों को लाकर मोहल्ला क्लीनिक में बांध दिया जाता है और अंदर ही उनका चारा व अन्य साज-ओ-सामान भी रखा जाता है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 08:31 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 10:58 AM (IST)
EXCLUSIVE: केजरीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लीनिक में सोते हैं गधे, घोड़े फरमाते हैं आराम
EXCLUSIVE: केजरीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लीनिक में सोते हैं गधे, घोड़े फरमाते हैं आराम

नई दिल्ली (शुजाउद्दीन)। दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मोहल्ला क्लीनिक का हश्र देखना है तो मंत्री गोपाल राय के विधानसभा क्षेत्र कर्दमपुरी चले आइए। यहां एक साल पहले क्लीनिक बनकर तैयार हो गया, लेकिन आज तक उद्घाटन नहीं हुआ। नतीजतन जहां इंसान का इलाज होना चाहिए था, वहां आज घोड़े व गधे आराम फरमा रहे हैं।

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बताया जाता है कि रात के समय आसपास के इलाकों से भी गधों को लाकर क्लीनिक में बांध दिया जाता है और क्लीनिक के अंदर ही उनका चारा व अन्य साज-ओ-सामान भी रखा जाता है। क्लीनिक के बगल में ही नगर निगम का काम चल रहा है। इसलिए वहां हमें कुछ मजदूर भी दिखे। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पास घोड़े-गधों को बांधने के लिए जगह नहीं है, वैसे तमाम लोग यहीं लाकर बांध जाते हैं।

माफिया की है नजर, 25 दिन पहले क्लीनिक में लगी थी आग

स्थानीय लोगों ने बताया कि उद्घाटन के कोई आसार नहीं दिखने पर माफिया भी नजर गड़ाए बैठे हैं। करीब 25 दिन पहले मोहल्ला क्लीनिक में संदिग्ध हालात में आग लग गई थी, जिससे पोर्टा केबिन का काफी हिस्सा जल गया। जब मंत्री के क्षेत्र में मोहल्ला क्लीनिक की यह दशा है तो बाकी क्षेत्रों में क्या उम्मीद कर सकते हैं। नूर-ए-इलाही, जनता कॉलोनी वार्ड में बने मोहल्ला क्लीनिक की सुरक्षा भी रामभरोसे है।

बाबरपुर में क्लीनिक बनाया फिर किया जमींदोज

मंत्री गोपाल राय के इलाके में मोहल्ला क्लीनिक की बेकद्री की यह पहली बानगी नहीं है। बाबरपुर बस टर्मिनल के पास बिना सोचे समङो क्लीनिक बना दिया गया और जब रामलीला कमेटी के सदस्यों के विरोध किया तो आधा अधूरा तोड़ दिया गया। टूटे हुए इस क्लीनिक में अब चाय की दुकान खुल गई और दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद उस क्लीनिक को पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया।

कहीं-कहीं तो मोहल्ला क्लीनिक गोदामों में तब्दील हो चुका है। ऐसे में कोई भी मोहल्ला क्लीनिक के असली हालत का अंदाजा लगा सकता है। 

तीन विधानसभा क्षेत्रों में एक भी मोहल्ला क्लीनिक नहीं

आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार मोहल्ला क्लीनिक को लेकर अपनी पीठ थपथपाने से नहीं थकती है, लेकिन तीन साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी पुरानी दिल्ली के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अब तक एक भी मोहल्ला क्लीनिक बनकर तैयार नहीं हुआ है। इसकी जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिली है। 

पुरानी दिल्ली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता यूसुफ नकी के मुताबिक उन्होंने जनवरी में बल्लीमारान, मटिया महल और सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र में कहां और कितने मोहल्ला क्लीनिक बने हैं, इसकी जानकारी मांगी थी। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के मध्य जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय की तरफ से आरटीआइ के जवाब में बताया गया कि मटिया महल और बल्लीमारान क्षेत्र में एक भी मोहल्ला क्लीनिक नहीं बना है।

सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र के शास्त्री नगर इलाके में पोर्टा केबिन में बने मोहल्ला क्लीनिक के सुचारु रूप से चलने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। बस यह बताया गया है कि मोहल्ला क्लीनिक बना दिया गया है।

यूसुफ कहते हैं कि इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में एक भी मोहल्ला क्लीनिक का न होना बेहद चिंताजनक है। इससे सरकार की मंशा पर भी सवाल उठता है कि क्यों यहां के निवासियों के लिए कोई मोहल्ला क्लीनिक नहीं बनाया गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन के अपने बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र में मोहल्ला क्लीनिक न होना यहां के लोगों के साथ अन्याय ही है।

बता दें कि दो साल पहले अमेरिका में भी केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ हो रही थी। वहां के लोगों को आसान स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केजरीवाल सरकार की मोहल्ला क्लीनिक से सबक लेने के सुझाव दिए जा रहे थे। दो साल पहले ही अमेरिकी मीडिया हाउस द वाशिंगटन पोस्ट ने एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की शुरू की गई मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ की गई थी। इसमें अमेरिका को सलाह दी गई थी कि वह भी अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए मोहल्ला क्लीनिक से सबक लें। 

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