राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद निकला नतीजा, बाद में बदल गए किसान नेताओं के सुर
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं से मुलाकात की और उनकी मांगों पर चर्चा कर ज्यादातर मुद्दों पर आपसी सहमति बनी है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। किसान नेताओं को मनाने के लिए सरकार की पूरी रात की कवायद भी काम नहीं आई। रात की हामी और दिन में गृहमंत्री के साथ लंबी वार्ता से लगा नतीजा निकल गया। बातचीत से बाहर आए किसान नेता संतुष्ट नजर आये। लेकिन आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचने के बाद उनके सुर बदल गये। उनके इस रुख से सरकार के लोग हैरान हैं।
किसान नेता संतुष्ट नजर आये
अपनी मांगों को लेकर दिल्ली चढ़ आने को आतुर किसानों को यूपी गेट से लौटाने की सरकार की कोशिशें फिलहाल नाकाम रहीं। हालांकि केंद्र से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार तक मंगलवार को हरकत में रही। केंद्र सरकार के कई मंत्री मामले को सुलझाने के लिए पूरी रात सक्रिय रहे। जबकि मंगलवार को दोपहर में किसान नेताओं के साथ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ढाई घंटे की लंबी वार्ता हुई। ज्यादातर मांगों के मान लिये जाने के बाद किसान नेता संतुष्ट नजर आये।
किसान नेताओं से हुई वार्ता
गाजियाबाद से दिल्ली की ओर सुबह कूच करने से पहले ही किसान नेताओं को केंद्र सरकार की ओर से बातचीत कर कोई रास्ता तलाशने के लिए कल शाम को ही बुलावा भेज दिया गया था। हरियाणा के जाट नेता और केंद्र में मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के सरकारी आवास पर पहले से ही केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कृषि मंत्रालय की तकनीकी बातों को समझने के लिए मौजूद थे।
आंदोलन जारी रखेंगे किसान
गृहमंत्री राजनाथ सिंह से किसान नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं के सामने आए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं से मुलाकात की और उनकी मांगों पर चर्चा कर ज्यादातर मुद्दों पर आपसी सहमति बनी है। किसानों ने हमें आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही प्रदर्शन खत्म कर देंगे। इस आश्वासन के तुरंत बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
समाधान ढूढ़ लिया गया था
सूत्रों के मुताबिक रात के अंतिम पहर तक चली मैराथन बैठक में ज्यादातर मांगों का समाधान ढूढ़ लिया गया था। सरकार उनकी वाजिब तमाम मांगों पर अपनी सहमति दे दी थी। किसान नेताओं ने भी सरकार के रुख पर संतोष जताया था। बैठक में तय किया गया था कि सुबह अंतिम दौर की बैठक गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ होगी, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से घोषणा की जाएगी।
सात प्रमुख मांगों को मान लिया गया
उधर, लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों की मांगों को स्वीकार करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार ने किसानों की हर समस्या का समाधान करने की कोशिश की है। किसानों के ज्ञापन में कुल 11 मांगें हैं, जिनमें से सात प्रमुख मांगों को मान लिया गया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि बाकी बची मांगों पर अगली बैठक में विचार किया जाएगा।