वाहनों के लिए होलोग्राम वाले स्टीकर बंटने शुरू, दूर से होगी गाड़ी की पहचान
स्टीकर की मदद से दिल्ली में लागू होने वाली ईवन-ऑड जैसी योजनाओं में गाड़ी की दूर से पहचान करना संभव होगा। इसके अलावा पेट्रोल पंप पर भी पंप कर्मी आपकी गाड़ी को आसानी से पहचान जाएंगे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राजधानी दिल्ली में चलने वाले सभी वाहनों के लिए होलोग्राम आधारित रंगीन स्टीकर बंटने शुरू हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट (SC) के निर्देश पर बुधवार तीन अक्टूबर से दिल्ली परिवहन विभाग (DTC) ने इस योजना की शुरूआत कर दी है। इन स्टीकर के जरिए दूर से पता चल जाएगा कि वाहन में किस तरह के ईंधन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
यह व्यवस्था फिलहाल नई कारों के लिए लागू की गई है। इन स्टीकर की मदद से दिल्ली में लागू होने वाली ईवन-ऑड जैसी योजनाओं में गाड़ी की दूर से पहचान करना संभव होगा। इसके अलावा पेट्रोल पंप पर भी पंप कर्मी आपकी गाड़ी को आसानी से पहचान जाएंगे। इससे गाड़ी में गलत ईंधन पड़ने की संभावना न के बराबर होगी।
होलोग्राम आधारित रंगीन स्टीकर की मदद से ट्रैफिक पुलिस इनकी आसानी से पहचान कर सकेगी। इससे उसे भविष्य में दस साल पुराने डीजल वाहनों को सड़क से हटाने में भी काफी मदद मिलेगी। मालूम हो कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पहले एनजीटी और फिर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सड़कों से दस साल पुराने डीजल वाहनों को हटाने का निर्देश दिया है। फिलहाल सड़क पर चलते हुए वाहनों को देखकर ये पहचान करना संभव नहीं है कि वाहन में किस ईंधन का प्रयोग हो रहा है।
ये होगी कलर कोडिंग
हल्के नीले रंग के होलोग्राम आधारित स्टीकर पेट्रोल एवं सीएनजी से चलने वाली कारों में लगाए जाएंगे। नारंगी रंग के होलोग्राम आधारित स्टीकर डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कारों पर रंगीन स्टीकर लगाने के आदेश दिए थे। इन स्टीकरों की खास बात ये है कि ये होलोग्राम एक वक्त के बाद अपने आप नष्ट हो जाएंगे।