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इंसानियत की मिसालः हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने एक-दूसरे के पति को किडनी दे बचाई जान

बदलते जीवन शैली से दूसरी बीमारियों के साथ-साथ किडनी खराब होने के मामले भी खासकर भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 09:59 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 09:59 AM (IST)
इंसानियत की मिसालः हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने एक-दूसरे के पति को किडनी दे बचाई जान
इंसानियत की मिसालः हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने एक-दूसरे के पति को किडनी दे बचाई जान

नई दिल्ली (जेएनएन)। रमजान के पाक महीने के दौरान हिंदू समूहों द्वारा इफ्तार पार्टी देने और इसमें शामिल करने की खबरें आम हो गई हैं, लेकिन मजहबी और इंसानियत की इससे बेहतरीन मिसाल शायद ही कोई होगी कि हिंदू व मुसलमान महिलाओं ने एक-दूसरे के पतियों को अपनी एक किडनी देकर उनकी जान बचाई। दरअसल ईद से ठीक पहले नोएडा के जेपी हॉस्पिटल में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश हुई है।

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यहां हिंदू मरीज को मुस्लिम मरीज की पत्नी ने और मुस्लिम मरीज को हिंदू मरीज की पत्नी ने किडनी देकर उनकी जान बचाई। डॉक्टरों की इस टीम में किडनी ट्रांसप्लान्ट विभाग से डॉ अमित देवरा, डॉ मनोज अग्रवाल, डॉ. एलपी चौधरी और नेफ्रोलोजी विभाग से डॉ अनिल प्रसाद भट्ट, डॉ भीम राज और डॉ हारून शामिल थे।

जेपी हास्पिटल के सीनियर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. अमित देवरा ने बताया कि दोनों मरीजों की जांच करने पर उनमें क्रोनिक किडनी रोग पाया गया था। इसके बाद उन्हें रीनल एलोग्राफ्ट ट्रांसप्लांट के लिए जेपी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। सर्जरी के बाद दोनों डोनर और मरीज ठीक हैं।

डोनर्स बालो और लीला को सर्जरी के कुछ दिन बाद ही छुट्टी दे दी गई। वहीं, मरीज इकरम और अनिल को ट्रांसप्लांट के 12 दिनों के बाद छुट्टी दी गई। अस्तपाल के सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अनिल प्रसाद ने बताया कि 53 वर्षीय इकरम और 43 वर्षीय अनिल कुमार राय की किडनी हाई ब्लड प्रेशर के कारण खराब हो गई थीं।

दोनों की जिंदगी खतरे में थीं, क्योंकि दोनों परिवारों को सही डोनर नहीं मिल रहा था। हमने दोनों परिवारों के साथ अलग-अलग मीटिंग की और किडनी स्वैप के बारे में पूरी जानकारी दी। आखिरकार दोनों की पत्नियां एक दूसरे के पति को किडनी देने के लिए तैयार हो गईं। मरीज अनिल कुमार ने बताया कि जनवरी में पेट में तेज दर्द होने लगा था और भूख नहीं लगती थी। इसके बाद वह इलाज के लिए आए थे।

क्यों खराब होती है किडनी

बदलते जीवन शैली से दूसरी बीमारियों के साथ-साथ किडनी खराब होने के मामले भी खासकर भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। किडनी से जुड़ी समस्या आने पर अगर सही से इलाज कराया जाए और पूरी सावधानियां बरती जाएं तो किडनी खराब होने के बाद भी मरीज लंबी ठीक-ठाक जिंदगी जी सकता है।

क्यों होती है किडनी खराब

-शुगर के इलाज में कोताही करना

-बहुत ज्यादा मीट खाना

-ज्यादा मात्रा में पेनकिलर लेना

-बहुत ज्यादा शराब पीना

-पर्याप्त आराम न करना

- सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा ज्यादा लेना

- पेशाब आने पर करने न जाना

- रोज 7-8 गिलास से कम पानी पीना

- बहुत ज्यादा नमक खाना

- बीपी के इलाज में लापरवाही बरतना

शुगर और हाई ब्लड प्रेशर किडनी की स्थाई समस्या के मुख्य कारण हैं, लेकिन जानकारी के अभाव के कारण जब तक इस बीमारी का पता चलता है तब तक बीमारी असाध्य रूप ले चुकी होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना सर्वाधिक जरूरी है। क्योंकि यह बीमारी एक 'साइलेंट किलर' है और ज्यादातर मामलों में इसका पता तब चलता है जब गुर्दा 80 फीसदी खराब हो चुका होता है। अक्सर कोई भी परेशानी आने पर लोग सामान्य चिकित्सकों के पास जाते हैं। 


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