टूजी घोटाला मामले में जब्त 22 करोड़ की संपत्ति रिलीज करने की मांग, हाई कोर्ट ने ED से मांगा जवाब
संपत्ति रिलीज करने पर यथास्थिति बनाए रखने के 21 मार्च 2018 के अदालत के फैसले को संशोधित करने के लिए अर्जी दायर की गई है। याचिका पर अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। टूजी घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में 22 करोड़ की संपत्ति को रिलीज करने की मांग को लेकर एक फर्म की तरफ से दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। फर्म ने याचिका दायर कर कहा कि निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है, ऐसे में ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्ति को रिलीज करने का निर्देश दिया जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बृजेश सेठी की पीठ ने याचिकाकर्ता कॉनवुड कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की अर्जी पर ईडी को नोटिस जारी किया। याची ने संपत्ति रिलीज करने पर यथास्थिति बनाए रखने के 21 मार्च 2018 के अदालत के फैसले को संशोधित करने के लिए अर्जी दायर की है। याचिका पर अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
याचिका में कहा गया है कि यह फर्म एक निश्चित राशि के रूप में 22.56 करोड़ रुपये को निष्पादित करने के लिए तैयार है और अगर ईडी की अपील को स्वीकार किया जाता है तो वह संपत्तियों के मूल्य के बराबर धनराशि एजेंसी में जमा कर देगी। फर्म की ओर से पेश अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली ईडी और सीबीआइ की अपील मंजूर नहीं हुई है और अगर इसकी इजाजत दी भी जाती है, तो अपील पर फैसला होने में कई साल लग जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट अगर निचली अदालत के बरी होने के फैसले को रद करता है और सरकार द्वारा संपत्ति को जब्त कर लिया गया, तो मैं क्षतिपूर्ति बांड का भुगतान करने के लिए तैयार हूं। लेकिन तब तक याची फर्म को संपत्ति का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने पीठ को बताया कि फर्म ने 2018 में इसी तरह का आवेदन दायर किया था और एजेंसी ने इस पर अपना जवाब दाखिल किया था। हालांकि, अगर अदालत निर्देश देती है, तो वह फिर से इस याचिका पर जवाब दाखिल करेगा।
सीबीआइ द्वारा दर्ज किए गए टूजी घोटाला मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा एवं राज्य सभा सदस्य कनीमोझी समेत सभी 17 आरोपितों को को बरी कर दिया था। वहीं ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लांड्रिंग मामले में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालू अम्मल, विनोद गोएनका, आसिफ बलवा, फिल्म प्रोड्यूसर करीम मोरानी, पी. अमृथम, कलाईग्नर टीवी के निदेशक शरद कुमार को बरी किया गया था। निचली अदालत के फैसले काे सीबीआइ एवं ईडी ने मार्च 2018 में हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
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