'दुष्कर्म शारीरिक हिंसा है, महिला की आत्मा को भी अपमानित करता है'
कोर्ट ने कहा कि किसी की हत्या होने पर शरीर नष्ट हो जाता है लेकिन जिस महिला से दुष्कर्म होता है वह महिला असहाय हो जाती है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। साकेत जिला अदालत ने सोमवार को दुष्कर्म के मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि दुष्कर्म न केवल महिला पर शारीरिक हिंसा है, बल्कि उसकी आत्मा को भी अपमानित करता है। अदालत ने भाभी से दुष्कर्म मामले में एक व्यक्ति को सात साल की सजा सुनाई व उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन ने कहा कि किसी की हत्या होने पर शरीर नष्ट हो जाता है लेकिन जिस महिला से दुष्कर्म होता है वह महिला असहाय हो जाती है। वह खुद को अपमानित महसूस करती है। दोषी ने अपने भाई की पत्नी से 26 मार्च 2016 को में दुष्कर्म किया था व किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। दोषी रिक्शा चलाता था।
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