लॉकडाउन-4: जानिए दिल्ली मेट्रो के संचालन को लेकर हाई कोर्ट ने क्या कहा
न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने कहा कि लॉकडाउन में ढील होने के आधार पर दिल्ली सरकार मेट्रो चलाने को लेकर दिशानिर्देश जारी कर सकती है।
नई दिल्ली, [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मेट्रो के संचालन को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मेट्रो चलाने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि दिल्ली सरकार द्वारा लोगों के लिए पर्याप्त परिवहन की व्यवस्था की गई है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने कहा कि लॉकडाउन में ढील होने के आधार पर दिल्ली सरकार मेट्रो चलाने को लेकर दिशानिर्देश जारी कर सकती है।
हालांकि, पीठ ने दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन को निर्देश दिया कि जब भी मेट्रो का परिचालन शुरू करें तो शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखें। याचिकाकर्ता श्रीश चड्ढा की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि उसने अभी मेट्रो को अभी चलाने की इजाजत नहीं दी है।
वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि उसने 20 यात्रियों के साथ बसों को चलने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा ई रिक्शा, ऑटो, टू व्हीलर, टैक्सी आदि को भी कुछ खास शर्तों के साथ चलने की इजाजत दे दी है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि दिल्ली-एनसीआर में बड़ी संख्या में लोगों की परिवहन की समस्या को देखते हुए मेट्रो को शुरू करने का आदेश दिया जाए।
पीठ ने इस तर्क पर असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि नए नियम के तहत ढील दिए हुए अभी तीन दिन ही हुए हैं और यह कहना सही नहीं है बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी हो रही है। पीठ ने कहा कि वर्तमान समय के लिए दिल्ली सरकार द्वारा पर्याप्त परिवहन की व्यवस्था की गई है।
पीठ ने कहा कि आने वाले दिनों में लॉकडाउन में और ढील दिए जाने की स्थिति में केंद्र व दिल्ली सरकार के दिशानिर्देश के तहत डीएमआरसी मेट्रो शुरू करने का फैसला कर सकता है, लेकिन इस दौरान शारीरिक दूरी के मापदंडों का पालन सुनिश्चित कराना होगा।