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चांदनी चौक में अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट नाराज, कहा भगवान के लिए एक स्ट्रीट वेंडिंग प्लान तैयार करें

रेहड़ी-पटरी को हटाने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर नाराजगी व्यक्त की। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लापरवाह रवैये को देखते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी व जसमीत सिंह की पीठ ने टिप्पणी की कि भगवान के लिए स्ट्रीट वेंडिंग प्लान तैयार करें।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:15 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 08:24 AM (IST)
चांदनी चौक में अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट नाराज, कहा भगवान के लिए एक स्ट्रीट वेंडिंग प्लान तैयार करें
पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा बार-बार जारी किए गए निर्देश बहरे कानों पर पड़ रहे हैं।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। चांदनी चौक में अवैध तरीके से लग रही रेहड़ी-पटरी को हटाने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर नाराजगी व्यक्त की। कई निर्देश के बाजवूद भी उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लापरवाह रवैये को देखते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने टिप्पणी की कि भगवान के लिए स्ट्रीट वेंडिंग प्लान तैयार करें।

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पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा बार-बार जारी किए गए निर्देश बहरे कानों पर पड़ रहे हैं। इन टिप्पणियों के साथ पीठ ने दो टूक कहा कि सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी व्यक्ति को हटाया जाना चाहिए। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है कि बाजारों में पूरे फुटपाथ पर अतिक्रमण हो, लोगों के चलने के लिए कोई जगह न हो।

पीठ ने इसके साथ ही 28 फरवरी से पहले चांदनी चौक इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर सकारात्मक कदम उठाने का दिल्ली पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो दिल्ली पुलिस के आयुक्त अदालत के समक्ष पेश हों। चांदनी चौक में नो-हाकिंग व नो-स्क्वाटिंग जोन से अवैध फेरीवालों व विक्रेताओं को हटाने का निर्देश देने की मांग को लेकर चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल ने याचिका दायर की है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि आप कुछ करने के लिए छोटी उंगली के बराबर कदम भी नहीं उठा रहे हैं। हम इस तरह के आदेश पारित करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि कुछ भी नहीं हो रहा है। क्षेत्र में फेरीवालों और वेंडरों द्वारा अतिक्रमण के बारे में पीठ ने कहा कि तस्वीरें दिखाती हैं कि ये लोग लोगों के चलने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ रहे हैं और पूरे फुटपाथ को कवर किया गया है। पीठ ने पूछा आखिर लोग कैसे चलेंगे? पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत नहीं चाहती कि इन सभी गरीब लोगों को हटाया जाए, लेकिन एक योजना के साथ चीजों को उचित तरीके से किया जाना चाहिए। पीठ ने आगे की सुनवाई 20 जनवरी के लिए स्थगित करते हुए कहा कि आप सभी कानून के साथ पूरी तरह से गड़बड़ी कर रहे हैं, मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है।

इस दौरान एनडीएमसी के अधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया कि प्रत्येक जोन में समितियों का गठन करने का आदेश पारित किया गया है और स्ट्रीट वेंडिंग योजना तैयार करने के संबंध में सभी विशेषज्ञ पैनलों को संचार भेजा गया है। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव रल्ली ने कहा कि अदालत के बार-बार निर्देशों के बावजूद दिल्ली पुलिस ने अभी तक क्षेत्र और रास्ते में अतिक्रमण की जांच के लिए क्षेत्र में 330 सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए हैं।

योजना बनाने के लिए विशेषज्ञों को करें नामित: पीठ ने इसके साथ ही निर्देश दिया कि शाहजनाबाद पुनर्विकास निगम, दिल्ली स्कूल आफ प्लानिंग और आइआइटी दिल्ली से स्ट्रीट वेंडिंग योजना तैयार करने के लिए बिना किसी देरी के तुरंत विशेषज्ञों को नामित किया जाए। साथ ही दिल्ली पुलिस और एनडीएमसी को अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत अतिक्रमणकारियों और अवैध विक्रेताओं को हटाने के लिए कदम उठाने को कहा।


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