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Heroes of Delhi Violence: जब लोगों को बचाने के लिए सैकड़ों दंगाइयों से भिड़ गए RAF के अशोक कुमार

रैपिड एक्शन फोर्स के अधिकारी अशोक कुमार जिन्होंने अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन करते हुए शिव विहार इलाके में दंगाइयों की भीड़ से चार लोगों को बचाया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 02:15 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 03:01 PM (IST)
Heroes of Delhi Violence: जब लोगों को बचाने के लिए सैकड़ों दंगाइयों से भिड़ गए RAF के अशोक कुमार
Heroes of Delhi Violence: जब लोगों को बचाने के लिए सैकड़ों दंगाइयों से भिड़ गए RAF के अशोक कुमार

नई दिल्ली, एएमनआइ। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में पिछले हफ्ते भड़की हिंसा में अबतक 46 लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा के बीच अपने हौसले के दम पर लोगों को दंगाइयों से बचाने वाले कई हीरो सामने आए हैं। उनमें से ही एक हैं रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के अधिकारी अशोक कुमार जिन्होंने अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन करते हुए शिव विहार इलाके में दंगाइयों की भीड़ से चार लोगों को बचाया।

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अशोक कुमार आरएएफ की 103वीं बटालियन के सेकेंड इन कमांड के तौर पर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के शिव विहार इलाके में 19 अन्य कर्मियों के साथ तैनात थे। इसी दौरान एक ऑटोरिक्शा चालक ने उनसे संपर्क किया और उन्हें बताया कि उसके ऑटो में सवार तीन यात्रियों को एक भीड़ ने पकड़ लिया है। सूचना मिले के बाद मामले की गंभीरता को भांपते हुए अशोक कुमार और उनकी टीम कार्रवाई में जुट गई और तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ी। संकरी गलियां होने की वजह से उनको घटनास्थल तक पहुंचने में थोड़ी दिक्कत आई।

हिंसक भीड़ ने ऑटो को घेर लिया

कुमार ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'यह घटना 27 फरवरी को दोपहर लगभग 3 बजे की है जब 22 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक लोनी (गाजियाबाद) से तीन यात्रियों को दयालपुर ले जा रहा था। जैसे ही वह शिव विहार में दाखिल हुआ भीड़ ने ऑटोरिक्शा को घेर लिया और उन सभी पर हमला करने लगे।' जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर ऑटोरिक्शा चालक किसी तरह आरएएफ टीम के पास पहुंचने में सफल रहा।

सौ लोगों की आक्रामक भीड़

उन्होंने ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही हमने बिना समय बर्बाद किए संकरी गलियों से होते हुए घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। जब हम वहां पहुंचे तो लगभग सौ लोगों की आक्रामक भीड़ देखी, जो लड़कों को बेरहमी से पीट रही थी। इसके बाद हमने भीड़ को तितर-बितर करना शुरू किया। भीड़ को नियंत्रित करने में हमें लगभग आधे घंटे का समय लगा। आरएएफ अधिकारी ने कहा कि यह हमारे जीवन के लिए भी एक खतरनाक स्थिति थी, लेकिन हमें ऐसी परिस्थितियों को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

मुझे लगा कि यह वास्तविक नहीं है

इस भयावह घटना को याद करते हुए ऑटोचालक ने कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि उसके साथ ऐसा होगा। उसने बताया कि कुछ मिनटों के भीतर ही सैकड़ों लोगों ने हम पर हमला कर दिया। मुझे विश्वास करने में कुछ मिनट लगा कि यह वास्तविक है। आरएएफ कर्मियों ने समय बर्बाद किए बिना मेरा साथ दिया। उन्होंने हम सभी को बचाया और बाद में हमें इलाज के लिए एक अस्पताल भेज दिया गया।


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