अभी ये हाल, अगर मुंबई जैसी हुई बारिश तब तो डूब ही जाएगी दिल्ली
दिल्ली में 2013 के बाद एक बार फिर मिंटो रोड पर जलभराव का भयानक रूप दिखा, यहां तीन बसें पानी में डूब गईं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। महज कुछ घंटे की बारिश ने शुक्रवार दिल्ली को बेहाल कर दिया। बारिश के बाद जलभराव और जाम की जो तस्वीरें सामने आईं, वो दिल्ली के लोगों को डराने वाली हैं। साथ ही सरकार के साथ स्थानीय निकायों को शर्मिंदा करने वाली हैं। शुक्रवार दोपहर बाद बारिश कुछ घंटे बाद ही रुक गई, लेकिन इतनी देर में ही आम से लेकर खास हर रास्ता, हर इलाका जलभराव और जाम से कराह उठा। कई जगहों पर लोग 2-3 घंटे जाम में फंसे रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मुंबई जैसी बारिश हुई तो दिल्ली में हालात भयावह होंगे। दिल्ली डूबने के कगार पर पहुंच जाएगी और इससे जान और माल का भारी नुकसान होगा।
मानसून की पहली बारिश में डूबी दिल्ली, सामने आईं डराने वाली तस्वीरें
तेज बारिश ने दिल्ली के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी। कई जगह जलभराव के कारण लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। सड़कों पर जलभराव ने आइटीओ, आश्रम, आनंद विहार, लाजपतनगर के अलावा, नोएडा के कालिंदी कुंज, महामाया फ्लाईओवर, चिल्ला बॉर्डर इलाका, मंडी हाउस, करोल बाग, निजामुद्दीन ईस्ट, धौला कुआं, आरके पुरम, आइटीओ, आनंद पर्वत, साउथ दिल्ली और नई दिल्ली सहित कई इलाकों में पानी भर गया और भीषण जाम लग गया। इलाके में जलभराव से ऑफिस से निकले लोग ट्रैफिक जाम से जूझते रहे। हालांकि, इस दौरान ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी से जाम से निपटने की नाकाम कोशिश करती रही। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक
भारी बारिश के चलते कई इलाकों जलभराव के चलते भारी जाम लग गया।
पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग पर कड़कड़डूमा से लेकर लक्ष्मीनगर और आइटीओ तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। मुख्य सड़कों पर जलभराव के अलावा संपर्क मार्गों पर भी पानी भरने से लोगों को दिक्कतें हुईं। नई दिल्ली इलाके में स्थित मिंटो रोड पर इस कदर जलभराव हुआ कि वहां कई फीट पानी भर गया, जिसके चलते कई गाड़ियां फंस गईं। दक्षिणी दिल्ली में झमाझम बारिश के चलते सड़कों पर जगह-जगह पानी भर गया। सड़कों पर पानी भरने से ओखला रोड, जामिया नगर, संगम विहार, खानपुर, पुलप्रह्लादपुर, सरिता विहार आदि इलाकों में भी भीषण जाम लग गया।
दिल्ली के तिलक मार्ग इलाके में भारी बारिश के चलते सड़कों पर तीन से चार फीट पानी भर गया। इसके अलावा मिंटो रोड पर यात्रियों से भरी एक बस पुल के नीचे फंस गई, समय रहते सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया गया। इसके साथ ही पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर भी पानी भर गया। बता दें कि इसी रोड पर सत्ताधारी बीजेपी का मुख्यालय है। दिल्ली के पूसा में 69 मिमी, आर्यनगर में 55 मिमी और नई दिल्ली में 37 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश रात में भी जारी रहेगी। दिल्ली में कई दिनों से जारी गर्मी के बाद हुई इस बारिश से दिल्ली वालों को गर्मी से भी निजात मिली है।
रेलवे अंडरपास में डूबीं बसें, तैरकर निकले यात्री
बारिश ने भले ही दिल्लीवासियों को गर्मी से राहत दी, लेकिन इससे सिविक एजेंसियों के उस दावे की पोल खुल गई, जिसमें वे बारिश के लिए तैयार होने की बात कह रही थीं। बारिश से सड़कें दरिया में बदल गईं। लुटियंस दिल्ली की मिंटो रोड तो बड़े नाले में तब्दील हो गई। यहां स्थित रेलवे अंडरपास में सात से आठ फीट तक पानी भरने से दिल्ली परिवहन निगम की वातानुकूलित बस डूब गई। आनन-फानन में रस्सी के सहारे यात्रियों को बाहर निकाला गया तो कुछ यात्री तैरकर बाहर निकले। इसी अंडरपास में दो अन्य बसें भी लगभग आधी डूब गईं। वहीं, जखीरा अंडरपास में भी एक बस आधी जलमग्न हो गई। दिल्ली के ज्यादातर अंडरपास पानी से भरे रहे। बता दें कि नगर निगम व पीडब्ल्यूडी समेत अन्य सिविक एजेंसियां बारिश के लिए तैयार होने का दावा कर रही थीं। इतना ही नहीं निगम तो अपने सभी नाले साफ किए जाने की बात कर रहा था, लेकिन मानसून की पहली झमाझम बारिश ने सभी के दावों की हवा निकाल दी। इसके साथ ही नालों की सफाई में खर्च हुए करोड़ों रुपये भी बर्बाद हो गए।
मिंटो रोड पर दिखी भयावह स्थिति
दिल्ली में 2013 के बाद एक बार फिर मिंटो रोड पर जलभराव का भयानक रूप दिखा, यहां तीन बसें पानी में डूब गईं। नई दिल्ली से बदरपुर की ओर जा रही एक बस का चालक मिंटो रोड स्थित रेलवे अंडरपास में भरे पानी के स्तर का अंदाजा नहीं लगा सका। जैसे-जैसे बस अंडरपास में जाती गई, वैसे-वैसे पानी पहियों से ऊपर भरता गया। जलमग्न हुई बस का ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा था। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, इस बस में आठ लोग सवार थे। कुछ लोग तैरकर बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन बच्चे व महिलाएं फंसी रहीं। इसके बाद पुलिसकर्मियों और दमकल की मदद से रस्सी के सहारे एक-एक करके यात्रियों को बाहर निकाला गया। यहां फंसी दो अन्य बसों के यात्रियों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई।
बारिश ने थामी ट्रेनों की रफ्तार
जोरदार बारिश से रेल परिचालन बाधित हुआ। कई स्थानों पर सिग्नल सर्किट फेल होने और ओएचई वायर क्षतिग्रस्त होने से रेल परिचालन में दिक्कत आई। ट्रेनें जगह-जगह रुकी रहीं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शाम तक स्थिति सामान्य हुई, जिसके बाद ट्रेनों का परिचालन सामान्य हुआ। शुक्रवार को हुई बारिश से दिल्ली में कई स्थानों पर ट्रैक पर पानी भर गया। इससे पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन-पलवल रूट, पटेल नगर सहित कई स्थानों पर सिग्नल फेल हो गया। दिल्ली कैंट के प्लेटफार्म नंबर चार पर ओएचई वायर क्षतिग्रस्त हो गई। जम्मूतवी-तिरुपति हमसफर एक्सप्रेस (22706) लगभग 40 मिनट तक सफदरजंग रेलवे स्टेश पर रुकी रही। वहीं, पश्चिम एक्सप्रेस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से लगभग 1.40 घंटे की देरी से रवाना हुई। इसी तरह से कई अन्य ट्रेनें भी देरी से रवाना हुईं। वहीं, नई दिल्ली सहित अन्य स्टेशनों पर चेन पुलिंग करके यात्रियों ने ट्रेनें रोक दी।
पीडब्ल्यूडी ने जल बोर्ड को ठहराया जिम्मेदार
पीडब्ल्यूडी ने मिंटो रोड पर जलभराव के लिए जल बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है। विभाग के प्रमुख अभियंता आरके अग्रवाल का कहना है कि तकनीकी कारणों से डीडीयू मार्ग पर पंपिंग स्टेशन बंद हो गया था, उसका एक ही हिस्सा काम कर रहा था। इसकी वजह से डीडीयू मार्ग और मिंटो रोड पर जलभराव हो गया। जल बोर्ड को यहां पंपिंग स्टेशन पहले की तरह चालू करने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया है। इसका चालू हिस्सा भी क्षमता कम होने से कार्य नहीं कर पा रहा है।
बारिश ने थामी दिल्ली की रफ्तार
दिल्ली में शुक्रवार को हुई बारिश से कई सड़कों पर पानी भर गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। भाजपा ने दिल्ली में जलभराव से लोगों को हुई परेशानी के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बकौल भाजपा, सरकार यदि नालों की सफाई पर ध्यान देती तो दिल्ली की यह स्थिति नहीं होती। दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा नालों की सफाई में लापरवाही बरतने से बारिश में समूची दिल्ली जाम हो गई। यहां तक कि दिल्ली सचिवालय में भी पानी भर गया। अनधिकृत व पुनर्वास कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी खराब हो गई है। यदि ज्यादा देर बारिश होगी तो स्थिति और भी बदतर हो जाएगी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के आंकड़ों के अनुसार, 1033 में से मात्र 387 सड़कों पर स्थित नालों की पूरी तरह सफाई हो पाई है। सीएम, उपमुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री मानसून की तैयारियों की समीक्षा करने के बजाय अधिकारियों से लड़ने और राजनिवास पर धरना करने में लगे रहे। उन्होंने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया। अब अधिकारियों पर झूठी रिपोर्ट देने का आरोप लगाकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के दो जूनियर इंजीनियरों को निलंबित कर सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है।
लेडी हार्डिंग अस्पताल व दिल्ली सचिवालय में भी भरा पानी
मूसलधार बारिश के कारण अस्पताल से लेकर सरकारी विभागों के दफ्तर भी जलमग्न हो गए। लेडी हार्डिंग अस्पताल के डेंटल क्लीनिक के प्रतीक्षालय में पानी भर गया। साथ ही डॉक्टरों के दफ्तर में भी पानी चला गया। अस्पताल में जलभराव का कारण सीवेज सिस्टम का जाम होना था। इसके अलावा दिल्ली सचिवालय में भी पानी भर गया। बताया जा रहा है कि सौ से अधिक स्थानों पर जलभराव हुआ। दिल्ली सचिवालय के मुख्य गेट की छत से पानी रिसने लगा, जिस कारण यह जगह जलमग्न हो गई। इस वजह से यहां आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। छुट्टी के समय सचिवालय के कर्मचारियों को भी निकलने में काफी दिक्कत हुई। इसके अलावा कई स्थानों पर पेड़ों के गिरने से भी लोगों को समस्या हुई।
इन स्थानों पर भरा पानी
तिलक ब्रिज, मिंटो रोड, दिल्ली सचिवालय, आइटीओ, भैरो मार्ग, राजघाट, रामलीला मैदान, बहादुरशाह जफर मार्ग, मथुरा रोड, पुराना किला (चिड़ियाघर के नजदीक), बाबा खड़ग सिंह मार्ग, रोहतक रोड, आजाद मार्केट, धौला कुआं, वेलकम मेट्रो स्टेशन, वसंत कुंज, दिल्ली कैंट, महिपालपुर रोड, एम्स फ्लाईओवर, आनंद पर्वत
समय से शुरू नहीं हो पाए पंपिंग स्टेशन
लुटियंस दिल्ली समेत आइटीओ, भैरो मार्ग, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, रामचरण अग्रवाल चौक और अन्य स्थानों पर जलभराव का कारण समय से पंपिंग स्टेशन शुरू नहीं हो पाना रहा। विभागों को तेज बारिश का अंदाजा नहीं था, जिस कारण पंपिंग स्टेशन समय से शुरू नहीं हो पाए। इस कारण अंडरपास या फिर निचले इलाकों में भरा पानी निकल नहीं सका। अगर समय से ये पंपिंग स्टेशन शुरू हो जाते तो जलभराव की स्थिति इतनी भयानक नहीं होती।
दिल्ली सरकार पर फोड़ा ठीकरा
बारिश के बाद सड़कों पर भरे पानी को लेकर उत्तरी निगम ने दिल्ली सरकार पर ठीकरा फोड़ा है। निगम का कहना है कि सबसे ज्यादा जलभराव की शिकायतें जहां से आई हैं, वहां दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी की सड़कें हैं। उत्तरी निगम के नेता सदन तिलकराज कटारिया का कहना है कि पहली मूसलधार बारिश ने दिल्ली सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है, जहां पर भी जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई है, वे सारे स्थान पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में हैं। मिंटो रोड पर डीटीसी की बस का डूबना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह दर्शाता है कि सरकार नागरिक सेवाओं के प्रति कितनी गंभीर है। निगम ने बार-बार सरकार को सतर्क किया था कि उनके नालों की सफाई नहीं हुई है, जिससे निगम द्वारा साफ किए गए नालों के पानी की निकासी अच्छे से नहीं होगी, लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया।
जलभराव की 57 तो पेड़ गिरने की मिलीं छह शिकायतें
भारी बारिश के बाद दिल्ली यातायात पुलिस नियंत्रण कक्ष में कुल 57 जलभराव की शिकायतें मिलीं। प्रभावित क्षेत्रों से पानी पंप करने के लिए एजेंसियों को एक साथ हॉटलाइन के माध्यम से सूचित किया गया था। पेड़ गिरने से संबंधित छह कॉल भी प्राप्त की गईं। मोटरसाइकिल सवारों को दिल्ली यातायात पुलिस के सोशल मीडिया टूल के माध्यम से प्रभावित हिस्सों से बचने की सलाह दी गई। राजधानी में यातायात को नियंत्रित करने के लिए लगभग 2,500 यातायात पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। इसके अलावा प्रभावित इलाकों को साफ करने के लिए सभी रिकवरी वैन को सेवा में रखा गया है। यातायात इकाई के वरिष्ठ अधिकारी अपने संबंधित इलाकों में यातायात की स्थिति और यातायात को नियंत्रित करने के लिए गूगल तथा अन्य माध्यमों की मदद ले रहे हैं।
मानसून की पहली झमाझम बारिश ने बदली फिजा
मानसून आने के बाद शुक्रवार को दिल्ली में पहली बार बदरा इतना झूम के बरसे। तीन घंटे में राजधानी में 52.6 एमएम बारिश हुई। हालांकि, बारिश से लोगों को काफी परेशानियां भी हुईं, लेकिन गर्मी से राहत मिलने से लोगों ने बारिश का जमकर मजा लिया। सबसे अधिक बारिश रिज में हुई। यहां 118.4 एमएम बारिश हुई। 24 घंटे के भीतर इतनी बारिश को काफी अच्छा माना जाता है। दिल्ली में पिछले दो सालों में कभी भी एक दिन में इतनी बारिश दर्ज नहीं की गई। बारिश से अगले दो-तीन दिनों तक मौसम सुहावना बना रहेगा। शुक्रवार सुबह कुछ क्षेत्रों में बारिश हुई, लेकिन काले बादलों का काफिला हवा के साथ बह गया। इसके बाद शाम करीब तीन बजे मौसम ने करवट ली और देखते ही देखते तेज बारिश शुरू हो गई। झमाझम बारिश से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। औसत अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम करीब 35 डिग्री सेल्सियस, जबकि औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.8 डिग्री सेल्सियस रहा। नमी का स्तर अधिकतम एवं न्यूनतम क्रमश: 60 और 98 फीसद रहा। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को हल्की बारिश हो सकती है। इसके बाद अगले दो दिनों तक बारिश नहीं होगी। बुधवार से बारिश फिर शुरू होगी। स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत के अनुसार, इस समय मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के दक्षिण की ओर बढ़ रही है। ऐसे में उम्मीद है कि कम दबाव का यह क्षेत्र दिल्ली के ऊपर थोड़ा सा उत्तर की तरफ मुड़ सकता है, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है।
बारिश से साफ हुई दिल्ली की हवा
पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने के कारण दिल्ली का एयर इंडेक्स 100 से ऊपर चल रहा था, लेकिन मूसलधार बारिश ने एक बार फिर दिल्लीवासियों को खुलकर सांस लेने का मौका दिया है। बारिश से शुक्रवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 100 के नीचे पहुंच गया। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली का एयर इंडेक्स 99 रहा है। इस साल इस स्तर की हवा दिल्लीवासियों को महज दो दिन नसीब हुई है। अगले कुछ दिनों में हवा की स्थिति सुधरने के आसार हैं।